मंत्री के घर तक पहुंची रेमडेसिविर इंजेक्शन के ब्लैक मार्केटिंग की आंच, तुलसीराम सिलावट के इस्तीफे की उठी मांग

इंदौर CMHO के ड्राइवर ने किया खुलासा, मंत्री सिलावट की पत्नी के ड्राइवर से लेकर ब्लैक में बेचता था इंजेक्शन, कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला पहले ही लगा चुके थे आरोप, मुख्यमंत्री से की अपील कहा मंत्री का जल्द लें इस्तीफा

Updated: May 19, 2021, 10:16 AM IST

Photo courtesy: Amar ujala
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इंदौर। मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मुद्दा गर्माया हुआ है। अब इस पर राजनीति जोरों पर है, इंदौर CMHO डॉक्टर पूर्णिमा गाडरिया के ड्राइवर पुनीत अग्रवाल को पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी ड्राइवर ने पुलिस को बताया है कि उसे वह इंजेक्शन इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट की पत्नी के ड्राइवर गोविंद राजपूत ने दिए थे। आरोपी पुनीत का दावा है कि इससे पहले भी उसे कई इंजेक्शन बेचने के लिए  दिए जा चुके हैं।

आरोपी ने पुलिस को बताया है कि मंत्री तुलसीराम सिलावट की पत्नी का ड्राइवर गोविंद उसका दोस्त है। उसने ही 14 हजार में रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए थे। जिसे वह 15 हजार रुपये में बेचता था। पुलिस ने प्लान बनाकर आरोपी पुनीत को इंजेक्शन के साथ पकड़ा है। आरोपी पुनीत ने स्वीकार किया है कि कोरोना महामारी के दौर में उसने कई लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन महंगे दामों पर बेचे हैं।

इंदौर की विजयनगर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुनीत का कहना है कि उसके पास इंजेक्शन के लिए किसी ललित शर्मा नाम के पुलिस अफरस का फोन आया था, वह ये इंजेक्शन उसे पहुंचाने जा रहा था। आरोपी पुनीत ने स्वीकार किया है कि वह गोविंद के माध्यम से कई बार अस्पतालों में भी इंजेक्शन पुहंचा चुका है। आरोपी ने कहा है कि गोविंद ये इजेक्शन कहां से लाता था इसके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग में कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले मंत्री तुसलीराम सिलावट की पत्नी के ड्राइवर का नाम आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। विधायक संजय शुक्ला ने पहले ही इस मामले में मंत्री के परिवार के शामिल होने का दावा किया था। अब ड्राइवर का बयान सामने आने के बाद विधायक ने मंत्री तुलसी सिलावट के इस्तीफे की मांग की है।

वहीं अपनी पत्नी का नाम सामने आने पर मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सफाई दी है कि गोविंद ट्रेवल एजेंसी का ड्राइवर है, उससे उनका और उनके परिवार का कोई वास्ता नहीं है। मंत्री ने कहा है कि इंजेक्शन कहां से आए थे इसकी निष्पक्षता से जांच होगी।

वहीं मंगलवार को नकली इंजेक्शन को लेकर बीजेपी विधायक जालम सिंह पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खुलासा किया था कि जबलपुर में कोरोना इलाज के दौरान उन्हें 12 में से 6 नकली इंजेक्शन लगे थे।

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बीजेपी विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में इस बात का जिक्र किया था कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री में रसूखदार राजनेता, स्वास्थ्य विभाग के अफसर और अस्पताल प्रबंधन का हाथ है। यह पहला मौका नहीं है जब इंजेक्शन की काला बाजारी या नकली इंजेक्शन का मुद्दा सामने आया है, मध्यप्रदेश में नकली इंजेक्शन से सैकड़ों कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है।