चयनित शिक्षकों ने ज़मीन पर लेटकर जताया विरोध, 30 हज़ार से ज़्यादा शिक्षक खा रहे हैं दर-दर की ठोकर

प्रदेश में 30 हज़ार से ज़्यादा चयनित शिक्षक पिछले दो-साल से नियुक्ति का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन का झुनझुना पकड़ा दिया जाता है

Updated: Feb 28, 2021, 10:38 AM IST

Photo Courtesy : Twitter
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भोपाल। राज्य की बीजेपी सरकार के आनाकानी भरे रवैये के कारण प्रदेश के 30 हज़ार चयनित शिक्षकों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। आज इसी का विरोध करते हुए मध्य प्रदेश चयनित शिक्षक संघ की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। चयनित शिक्षकों ने अधर में लटकी नियुक्ति प्रक्रिया के मद्देनज़र अपना विरोध ज़ाहिर किया। इस दौरान अपने संगठन चयनित शिक्षक संघ, मध्यप्रदेश के बैनर तले ज़मीन पर लेटकर प्रदर्शन किया। 

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इसके साथ ही वे बीजेपी प्रदर्शन संख्या में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से मिलने भी पहुंचे थे। वीडी शर्मा से मुलाकात कर चयनित शिक्षकों ने जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया को मुकम्मल करने की मांग की। चयनित शिक्षकों ने अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी वीडी शर्मा को सौंपा लेकिन चयनित शिक्षकों को एक बार फिर आश्वासन का लॉलीपॉप थमा दिया गया। 

शिवराज को नहीं लगता भगवान से डर: कांग्रेस 

चयनित शिक्षकों की मांग पर राज्य सरकार के टालमटोल भरे रवैये को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा है, ये मध्यप्रदेश के चयनित शिक्षक हैं, जो संविधान की हत्या के जरिए सत्ता पर काबिज हुई भाजपा सरकार से अपने अधिकार मांग रहे हैं।शिवराज जी,जनता को इस तरह प्रताड़ित करते हो,क्या अपको भगवान से बिल्कुल डर नहीं लगता?   

क्या है मामला 
दरअसल सितम्बर 2018 में मध्यप्रदेश की ततकालीन शिवराज सरकार ने कुल 30 हज़ार 594 पदों पर उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षकों की बम्पर भर्ती निकाली। तय योजना के अनुसार उसी वर्ष दिसंबर महीने में इन पदों के लिए परीक्षा होनी थी। चूंकि प्रदेश में चुनाव हो रहे थे लिहाज़ा यह परीक्षा टल गई। प्रदेश में जब सत्ता परिवर्तन हुआ तब कमल नाथ सरकार ने 2019 के फरवरी मार्च महीने में इन परीक्षाओं का आयोजन कराया। 2019 के अगस्त महीने में उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता का परीक्षा परिणाम आया जबकि माध्यमिक शिक्षक पात्रता का परिणाम अक्टूबर महीने में घोषित किया गया। बीते साल 2020 के मार्च महीने में कमल नाथ सरकार प्रदेश की सत्ता से चली गई और एक बार फिर मुख्यमंत्री की गद्दी पर वही शिवराज काबिज़ हो गए जिनके कार्यकाल में इन पदों पर वैकेंसी निकाली गई थी।  

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परीक्षा का नोटिफिकेशन आए दो वर्ष से ज़्यादा तो परिणाम घोषित हुए लगभग डेढ़ वर्ष का समय बीत चुका है। लेकिन इन चयनित शिक्षकों की भर्ती अब तक पूरी नहीं की जा सकी है। चयनित शिक्षक कई दफा अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार से गुहार लगा चुके हैं लेकिन सरकार ने अब तक इनकी नियुक्ति नहीं की है। बीते शिक्षक दिवस के अवसर पर यानी 5 सितम्बर को भी चयनित शिक्षकों ने भोपाल में प्रदर्शन किया था। उस दौरान चयनित शिक्षकों ने यह धमकी तक दे डाली थी कि अगर सरकार जल्द से जल्द उनकी नियुक्ति नहीं करती है तो चयनित शिक्षक उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे।

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खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चयनित शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात कर जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन दिया था। लेकिन उस समय मुख्यमंत्री ने कोई अंतिम तारीख या डेडलाइन नहीं दी थी कि आखिर कब तक चयनित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के आश्वासन का क्रियान्वन न होते देख चयनित शिक्षक आज एक बार फिर एकत्रित हुए और उन्हें एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने का दिलासा दे दिया गया।