चंद्रयान 3 के लॉन्चपैड बनाने वाले इंजिनियर्स को 17 महीने से नहीं मिली सैलरी: दिग्विजय सिंह

चंद्रयान-3 का लॉन्च पैड और महत्वपूर्ण उपकरण बनाने वाले इंजिनियर्स को 17 महीने से नहीं मिली सैलरी, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने उठाया इंजिनियर्स की सैलरी का मुद्दा

Updated: Aug 23, 2023, 04:35 PM IST

भोपाल। चंद्रयान-3 आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करेगा। इस मिशन की सफलता के लिए देशभर में पूजा-पाठ की जा रही है। कई शहरों में लोग सक्सेस पार्टियों का भी आयोजन कर चुके हैं। हालांकि, इस संभावित कामयाबी के पीछे जिन इंजिनियर्स की मेहनत लगी है, वे पिछले 17 महीनों से सैलरी के लिए तरस रहे हैं। न तो सरकार, न ही मीडिया कोई उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पीड़ित इंजिनियर्स का मुद्दा उठाते पीएम मोदी से इस ओर ध्यान देने की भी अपील की है।

दिग्विजय सिंह ने बुधवार को राजधानी भोपाल में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, 'हमें इस बात का गर्व है कि ISRO के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा की धरती पर चंद्रयान उतारने का सफल प्रयास किया है। हम ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि वो अपने मिशन में कामयाब हों। लेकिन समाचार पत्रों के माध्यम से ये खबर भी आई है कि जिन इंजिनियर्स ने ये काम किया है उनकी 17 महीनों से वेतन रुकी हुई है। इस बात का भी पीएम मोदी को ध्यान देना चाहिए।'

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बता दें कि चंद्रयान-3 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। इस मिशन के सफलता पर गर्व और हर्ष में डूबे देश के लोग यह जानकर हैरान हो सकते हैं कि इस मिशन में काम करने वाले कई इंजिनियर्स भीषण वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। दरअसल, चंद्रयान-3 के लॉन्च पैड बनाने वाले इंजीनियर्स को 17 महीने से सैलरी नहीं मिली है। स्थिति ये है कि वे रिश्तेदारों व अन्य लोगों से कर्ज लेकर किसी तरह घर चला रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक रांची स्थित हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (HEC) के इंजीनियर्स ने ही ISRO के ऑर्डर पर मोबाइल लॉन्चिंग पैड बनाए हैं। इस कंपनी में करीब 2,700 कर्मचारियों और 450 अधिकारी काम करते हैं। ISRO ने HEC कंपनी को मोबाइल लॉन्चिंग पैड सहित कई उपकरण बनाने का ऑर्डर दिया था, लेकिन ऑर्डर के हिसाब से भुगतान नहीं किया गया। इसके बावजूद कंपनी ने दिसंबर 2022 में तय समय से पहले ISRO का ऑर्डर पूरा कर दिया था।

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कर्मचारियों के वेतन से जुड़े मामले को लेकर मई 2023 में फ्रंटलाइन नाम की इंग्लिश वेबसाइट ने खबर चलाई थी। इसमें बताया गया था कि कर्मचारी अपना घर चलाने के लिए प्रॉविडेंट फंड (PF) का पैसा इस्तेमाल कर रहे हैं। कई कर्मचारी रिश्तेदारों से उधार लेकर जीवन-यापन कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक HEC कंपनी कई बार मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्री से 1,000 करोड़ रुपए के लिए निवेदन कर चुकी है। इस पर मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार कोई मदद नहीं कर सकती है।

रांची के धुर्वा में स्थित यह पीएसयू देश के भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्यरत है और इसकी ख्याति देश में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के रूप में रही है। पिछले दो-तीन वर्षों से वर्किंग कैपिटल के गंभीर संकट से जूझ रहे एचईसी में आज की तारीख में तीन हजार से ज्यादा इंजीनियर और कर्मी कार्यरत हैं। कंपनी पर इनका 17 महीने का वेतन बकाया है। वेतन की मांग को लेकर इंजीनियर-कर्मी लगातार आंदोलन करते रहे हैं, लेकिन चंद्रयान-3 के लिए ISRO से मिले वर्क ऑर्डर को पूरा करने में उन्होंने कोई कसर बाकी नहीं रखी। ऐसे में अब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार से मांग की है कि देश का सिर ऊंचा करने वाले ऐसे इंजिनियर्स को सैलरी देने की व्यवस्था की जाए।