काउंटिंग को लेकर कांग्रेस अलर्ट, कैंडिडेट्स को फार्म 17c से क्रॉसमैचिंग करने के दिए निर्देश

कांग्रेस का आरोप है कि मतदान के 11 दिन बाद चुनाव आयोग ने वोटिंग का डाटा जारी किया है। ऐसे में देश भर में करीब 1 करोड़ वोटों का अंतर आया है।

Updated: May 20, 2024, 01:25 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुके हैं। मतगणना के पहले अब कांग्रेस गड़बड़ियों को रोकने के लिए अलर्ट मोड में है। पार्टी ने सभी प्रत्याशियों को फॉर्म 17C से चुनाव आयोग द्वारा जारी डेटा का मिलान करने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि मतदान के 11 दिन बाद चुनाव आयोग ने वोटिंग का डाटा जारी किया है। ऐसे में देश भर में करीब 1 करोड़ वोटों का अंतर आया है। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस के रिसर्च विंग के चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को भेजे संदेश में यह कहा है कि मतगणना होने के पहले अपनी एक्सेल शीट तैयार करें ताकि आंकड़ों की अगर कुछ गड़बड़ी हो तो उन्हें पकड़ा जा सके और उस पर लीगल तरीके से लड़ाई लड़ी जा सके। फॉर्म 17सी को संयोजित करके रखें। उसके आधार पर पूरी एक्सेल शीट बनाएं। उसी एक्सेल शीट में पोलिंग एजेंट के हस्ताक्षर का नमूना भी एक कॉलम में रखें ताकि आपके काउंटिंग एजेंट के सामने जब मशीन रखी जाए तो उन पर हस्ताक्षर का भी मिलान कर सके। उस मिलान के बाद उस पेटी को खोलें और उसके बाद फाइनल काउंटिंग कराई जाए।

भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब मतदान समाप्त होता है तो वोटिंग खत्म होते ही मशीन को क्लोज बटन दबाया जाता है और क्लोज बटन दबते ही मशीन स्वयं टोटल कितने वोट डले हैं। इसका आंकड़ा दे देती है और वो डाटा चुनाव आयोग को ऑटोमैटिकली ट्रांसफर हो जाता है। अभी हाल ही में यह बात सामने आई है कि मतदान के 11 दिनों बाद वोटिंग के आंकडे़ जारी किए गए हैं जिसमें बड़ा अंतर आया है। सरकार इसकी जांच करें और पूर्व चुनाव आयुक्त कुरैशी जी ने जिस तरह से बातें सामने रखीं हैं उस पर भी चुनाव आयोग अपनी सफाई दे।

गुप्ता ने कहा कि चुनाव के दौरान फार्म 17सी और 17ए दो तरह के फॉर्म भरवाए जाते हैं। 17ए फॉर्म में कितने स्त्री, कितने पुरुष, कितने जो है थर्ड जेंडर हैं इनके मतों का सेग्रीगेशन होता है। 17 सी में टोटल कितने वोट डले। मशीन की बैटरी की परसेंटेज क्या है, यह सारी चीजें क्लोज करते टाइम रिकॉर्ड की जाती हैं। उसकी सर्टिफाइड कॉपी दी जाती है।

गुप्ता के मुताबिक उस समय जब काउंटिंग होती है उस इनका मिलान संभव नहीं होता है अगर आपके पास तत्काल रेफरेंस में फाॅर्म 17सी की कॉपी नहीं होगी तो मिलान नहीं हो पाएगा। इसलिए हमने अपने प्रत्याशियों से निवेदन किया है कि वह यह सारी तैयारियां एडवांस में करके काउंटिंग के समय जाएं ताकि काउंटिंग एजेंट फाॅर्म से डेटा और जानकारी को वेरिफाई कर सकें।