सिंधिया रोड पर तो उतर गए, लेकिन अपनी राजनीति चमकाने के लिए, कांग्रेस का केंद्रीय मंत्री पर हमला

कांग्रेस ने दिलाई सिंधिया को उनके रोड पर उतरने वाले बयान की याद, कहा, जिन शिक्षकों के लिए रोड पर उतरने वाले थे महाराज, आज वही शिक्षक रोड पर लाठी खा रहे हैं, लेकिन महाराज अपनी राजनीति चमका रहे हैं

Publish: Aug 18, 2021, 01:23 PM IST

भोपाल। बुधवार को राजधानी भोपाल में राज्य सरकार से रोज़गार की मांग करने एकत्रित हुए युवाओं पर की गई बर्बरता का पूरी कांग्रेस पार्टी ने एक सुर में विरोध किया है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने इस समय जन आशीर्वाद यात्रा करने में मग्न केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी आड़े हाथों ले लिया है। कांग्रेस ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा है कि एक तरफ जहां शिक्षक सड़क पर लाठी खा रहे हैं, तो वहीं उन शिक्षकों के लिए कभी रोड पर उतर जाने का दावा करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं।  

सिंधिया पर यह तंज कांग्रेस विधायक और कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे सज्जन वर्मा ने किया है। सज्जन वर्मा ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा है कि शिक्षकों के लिए सिंधिया जी रोड पर उतरने वाले थे। सिंधिया आज रोड पर तो उतर गए हैं, लेकिन सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि यह बिल्कुल ही शर्मनाक है कि एक तरफ सिंधिया अपनी राजनीति चमकाने के लिए जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ शिक्षक रोड पर लाठी खा रहे हैं।  

इस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया बतौर केंद्रीय मंत्री जन आशीर्वाद यात्रा के ज़रिए प्रदेश के अलग अलग जगहों के दौरे कर रहे हैं। बुधवार को सिंधिया बाजीराव पेशवा की जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने खरगोन के राउरखेड़ी पहुंचे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वहीं पहुंचे थे। इसी दौरान राजधानी भोपाल में रोज़गार की मांग को लेकर प्रदेश भर से युवा एकत्रित हुए थे। महिला अतिथि शिक्षकों ने भी बीजेपी कार्यालय के बाहर डेरा डाल रखा था। कुछ ही समय में युवाओं पर लाठीचार्ज शुरु हो गया। किसी समय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिक्षकों को उनकी मांग पूरी कराने के नाम पर खुद उनके साथ सड़क पर उतर जाने का दंभ भरा था। यही वजह है कि कांग्रेस इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेर रही है।  

मध्य प्रदेश में कमल नाथ सरकार को गिराने से ठीक कुछ दिन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी एक जनसभा में कहा था कि अगर अतिथि शिक्षकों की मांगें नहीं मांगी गईं तो वे भी उनके इस आंदोलन का हिस्सा बनकर सड़क पर उतर जाएंगे। उस समय जब सिंधिया ने यह बयान दिया था तब प्रदेश की सियासत में बड़ी हलचल पैदा हो गई थी। सिंधिया के इस बयान से ही अंदाज़ा लगना शुरू हो गया था कि वे किसी भी समय अपना पाला बदल सकते हैं।