कांग्रेस ने MP की 2 सीटों पर उपचुनाव के लिए बनाई कमेटियां, बुधनी में अरुण यादव बनाएंगे रणनीति
श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा के लिए बनाई गई कमेटी में राज्यसभा सांसद अशोक सिंह को संयोजक बनाया गया है। महाराष्ट्र के साथ ही MP की इन दो सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।

भोपाल। मध्य प्रदेश में दो विधानसभा सीटें बुधनी और विजयपुर रिक्त हैं। यहां उपचुनाव होना है। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही मध्य प्रदेश की इन दो सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। ऐसे में विपक्षी दल कांग्रेस इन दो सीटों पर रणनीति बनाने में जुटी हुई है।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से मप्र के प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह ने दोनों विधानसभाओं के लिए नेताओं की कमेटियां बनाई हैं। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा में उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अरुण यादव को कन्वीनर बनाया है। जबकि पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल को इस समिति में सदस्य बनाया है।
बुधनी विधानसभा में कांग्रेस के सामने एक मजबूत टिकाऊ चेहरा खोजना सबसे बड़ी चुनौती है। शिवराज सिंह चौहान के प्रभाव वाली बुधनी में कांग्रेस दमदार और असरदार उम्मीदवार खोज रही है। यहां से पिछली बार पार्टी ने एक्टर विक्रम मस्तान को टिकट दिया था। एक लाख से अधिक वोट से उनकी हार हुई थी। ऐसे में बार उपचुनाव के लिए कांग्रेस नया प्रत्याशी ढूंढ रही है। इस रेस में पार्टी के तेजतर्रार प्रवक्ता आनंद जाट का नाम आगे है।
उधर, श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा के लिए बनाई गई कमेटी में राज्यसभा सांसद अशोक सिंह को संयोजक बनाया गया है। पूर्व मंत्री व विधायक जयवर्धन सिंह, पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव और पूर्व विधायक नीटू सिकरवार को इसमें सदस्य बनाया गया है। यह सीट छह बार के कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस से पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई है।
लोकसभा चुनाव के दौरान रावत ने 30 अप्रैल को बीजेपी जॉइन कर ली थी। हालांकि उन्होंने करीब डेढ़ महीने तक विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया। 8 जुलाई को रामनिवास रावत ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। अब विजयपुर में होने वाले उपचुनाव में रामनिवास का बीजेपी से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। यह सीट कांग्रेस के प्रभाव वाली रही है। लिहाजा कांग्रेस दलबदल के बाद भी यहां जीत को बरकरार रखने में जुटी है।