मंत्रियों और भाजपाइयों की शह पर चलता है MP में अवैध शराब का गोरख धंधा: दिग्विजय सिंह

भिंड में ज़हरीली शराब के कारण अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, दूसरी तरफ प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नई शराब नीति के बचाव में दलील दी है कि इससे शराब की अवैध बिक्री रुकेगी, लेकिन खुद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह शिवराज सरकार की मंशा पर सवाल उठा दिये हैं

Updated: Jan 20, 2022, 11:01 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में नई आबकारी नीति और ज़हरीली शराब से लगातार हो रही मौतों को लेकर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भिंड में ज़हरीली शराब से हुई मौतों का मामला उठाते हुए शिवराज सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है। कांग्रेस नेता ने कहा है कि खुद बीजेपी के बड़े नेता और शिवराज सरकार के मंत्रियों की शह पर प्रदेश में अवैध शराब का गोरख धंधा फल फूल रहा है।  

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भिंड में ज़हरीली शराब से हुईं मौतों का ज़िक्र करते हुए कहा है कि पूरे प्रदेश में धड्डले से अवैधानिक शराब की खरीद बिक्री हो रही है। इस धंधे में खुद राजधानी भोपाल के वरिष्ठ अधिकारी, बीजेपी के कई बड़े नेता और शिवराज सरकार के कई मंत्री शामिल हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अवैध शराब के धंधे से होने वाली वसूली की एक पूरी खेप इन नेताओं तक पहुँचती है।उन्होंने कहा है कि इस गोरख धंधे के तार नीचे से लेकर ऊपर तक मौजूद हैं।  

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कांग्रेस नेता ट्विट किया कि पूरे प्रदेश में अवैधानिक शराब बन रही है बेची जा रही। ज़िला प्रशासन,राजधानी के वरिष्ठ अधिकारी भाजपा के नेता व मंत्री गण हर माह करोड़ों की वसूली हो रही है और ऊपर से ले कर नीचे तक अवैध शराब की वसूली बंटती है। ज़हरीली शराब से लोग मरने के बाद ही सरकार हरकत में आती है फिर भूल जाती है। 

भिंड के रौन थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गाँव इंदुर्खी में ज़हरीली शराब के कारण अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में गाँव के रहने वाले दो सगे भाइयों मनीष जाटव और छोटू जाटव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी। मामले की पड़ताल करने पर पता चला कि इन दोनों की मौत नकली शराब के सेवन के कारण हुई। अब तक गाँव के चार लोग नकली शराब के सेवन के कारण दम तोड़ चुके हैं। एसपी शैलेंद्र सिंह ने इस पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए दो थाना प्रभारियों को सस्पेंड कर दिया। मामले की जाँच के लिये एक एसआईटी भी गठित की गई। जिसकी जाँच में यह खुलासा हुआ कि सरपंच चुनाव के लिये दस पेटी नकली शराब तैयार की गयी थी। एसआईटी ने इस मामले में एक आरोपी को धर दबोचा है। लेकिन इस पूरे मामले में शराब इसलिये उठाये जा रहे हैं, क्योंकि भिंड सहित प्रदेश भर में ज़हरीली शराब के कारण लोगों की मौत होती रहती हैं, लेकिन सरकार की तरफ से इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिये कोई ठोस कदम नहीं उठाती। 

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दूसरी तरफ शिवराज सरकार ने प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू करने का फैसला किया है। जिसके तहत देसी और विदेशी शराब पर कर घटाने का फैसला किया गया है। शिवराज सरकार की इस नीति का भी पुरज़ोर विरोध हो रहा है। हालांकि इस नीति का बचाव करते हुए खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह दलील दी है कि इस नीति के लागू होने से प्रदेश में अवैध रूप से शराब की बिक्री पर रोक लगेगी। लेकिन वहीं दूसरी तरफ खुद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह यह आरोप लगा रहे हैं कि खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार के मंत्री और उनकी पार्टी के नेता अवैध शराब के धंधे में संलिप्त हैं।  

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भी सीएम शिवराज के बयान पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में कह रहे है कि हमने प्रदेश में शराब की कीमतें इसलिए कम की है, ताकि अवैध रूप से होने वाली शराब की बिक्री रुके। तो क्या यह समझा जाये कि अब प्रदेश में अवैध व ज़हरीली शराब नही बिकेगी, इससे कोई मौत नही होगी?