कांग्रेस MLA ने सीएम शिवराज को भेजे 400 रुपए, बोले- अपनी मर्जी से कर लें खर्च
शिवराज सरकार ने बजट में आदिवासी कल्याण के लिए सिर्फ 400 रुपए का प्रावधान किया है, इसपर विपक्ष ने नाराजगी जाहिर की है

भोपाल। बीते दिनों मध्य प्रदेश सरकार ने विधानसभा में 21 हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया था। इसमें आदिवासी कल्याण के लिए महज 400 रुपए का प्रावधान है। कांग्रेस ने अब वो 400 रूपए अपनी तरफ से मुख्यमंत्री को वापस लौटा दिया है। कांग्रेस विधायक सुरेंद्र सिंह बघेल ने सीएम को 400 रुपए का चेक भेजकर कहा है कि इसे आप जहां चाहें वहां खर्च कर सकते हैं।
बघेल ने चेक के साथ एक पत्र भी भेजा है। सीएम को संबोधित इस पत्र में उन्होंने लिखा कि, 'मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आपके द्वारा मध्यप्रदेश के आदिवासी समुदाय के विकास के लिए जो रू400/- की राशि अनुपूरक बजट में प्रावधानित की गयी है, इसकी मैं घोर निंदा करता हूँ। आपके इस कृत्य ने माननीय प्रधानमंत्री जी और आपका आदिवासी समुदाय के प्रति उपेक्षा भाव जग जाहिर कर दिया है।'
शिवराज जी,नमस्कार
— Surendra Singh Baghel (@surendrasbaghel) December 27, 2021
मध्यप्रदेश के आदिवासी समुदाय के विकास के लिए जो ₹400 की राशि अनुपूरक बजट में प्रावधानित की गई है इसकी में घोर निंदा करता हूं।
आपको और आपकी सरकार कोवह ₹400 की राशि चेक के माध्यम सेवापस लौटा रहा हूं। इस राशि का इस्तेमाल आप अपनी मर्जी से करने के लिए स्वतंत्र है pic.twitter.com/2iFM2cffUC
बघेल आगे लिखते हैं कि, 'आपने हमारे भोले-भाले आदिवासी समाज को सिर्फ वोट बैंक समझ रखा है। जब-जब चुनाव निकट आते है, आप आदिवासी समाज के प्रति हमदर्दी का स्वांग रचते हैं, परंतु प्रदेश का आदिवासी समाज जो निमाड़ांचल से महाकौशल तक फैला हुआ है, आपकी कथनी और करनी में अंतर को भलीभाँती समझ गया है। एक ओर केन्द्र सरकार आदिवासी कल्याण के बजट में लगातार कटौती कर रही है वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश की सरकार द्वारा आदिवासी कल्याण के लिए अनुपूरक बजट में मात्र 400/- रूपये का प्रावधान, आपकी आदिवासी विकास के प्रति उदासनीता को प्रदर्शित करता है।'
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उन्होंने आगे लिखा कि, 'प्रदेश का आदिवासी समुदाय आपके इस कृत्य की घोर निंदा करता है और मैं आपको और आपकी सरकार को यह 400/- रूपये की राशि चेक के माध्यम से वापस लौटा रहा हूँ। इस राशि का इस्तेमाल आप अपनी मर्जी से करने के लिए स्वतंत्र है। आपने अभी कुछ दिन पूर्व, माननीय प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए भगवान बिरसा मुण्डा की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में करोड़ो रूपये फूंक कर आदिवासियों को बरगलाने का असफल प्रयास किया। ठीक इस ही प्रकार आप हमारे नायक श्री टंट्या भील की स्मृति में आये दिन कोई ना कोई घोषणा कर आदिवासियों का हमदर्द बनने का प्रयास कर रहें है, परन्तु अब आप आदिवासीयों के सामने एक्सपोज़ हो गये है। प्रदेश का आदिवासी बहुत स्वाभिमानी और कर्मठ है, उसे आपके 400 रू की ज़रूरत नहीं है।'
पत्र के आखिर में बघेल लिखते हैं कि, 'एक बात तो स्पष्ट है कि, जोड़-तोड़ और तिकड़म से जो सरकार आपने बनाई है वह आदिवासियों का भला करने वाली नहीं है। आप जिनका भला करने आए है, वह काम आपने शुरू कर दिया है और आदिवासीयों को आपसे अब कोई उम्मीद भी नहीं है। आदिवासीयों के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा हर मजरे टोले में खोले गये हजारों स्कूलों को बंद कर आपने यह दिखा भी दिया है कि आदिवासियों के प्रति आपकी क्या सोच है। सम्पूर्ण बजट में आदिवासियों के लिए मात्र 400 रू के प्रावधान की मैं घोर भर्त्सना करता हूँ।'
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दरअसल, विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 21 हजार करोड़ के अनुपूरक बजट को मंजूरी दी गई है। हैरानी की बात ये है कि जनजाति कार्य के लिए मात्र 400 रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि प्रदेश के कुल जनसंख्या की 22 फीसदी आबादी आदिवासी है। प्रदेश सरकार आदिवासी वोट बैंक को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास भी कर रही है। बिरसा मुंडा जयंती पर आदिवासी गौरव दिवस से लेकर टंट्या भील बलिदान दिवस तक के समरोह कराने में सरकार ने करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए हैं। हालांकि, इन समारोहों से आदिवासियों के जीवन में कोई क्रांतिकारी तब्दीली नहीं आ सकी क्योंकि जो पैसे आदिवासियों के कल्याण में खर्च होने थे उन पैसों को सरकारी समारोहों और प्रचार प्रसार में खर्च कर दिया गया।