सतना में यूरिया की किल्लत से किसान परेशान, रोपाई के एक महीने बाद भी नहीं मिल रही खाद
जिससे वे कई जगहों के चक्कर काटने में लगे हैं। जिसका अभी तक कोई समाधान नहीं मिला है।

सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले में खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। यूरिया की कमी के चलते स्थानीय किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है। जिससे वे कई जगहों के चक्कर काटने में लगे हैं। जिसका अभी तक कोई समाधान नहीं मिला है। लेकिन, कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। जिसने चिंताएं बढ़ा दी हैं।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की 156 में से 130 समितियों में यूरिया का वितरण नहीं हुआ है। इस कारण लगभग 24 हजार केसीसी धारक किसान मार्कफेड और निजी संस्थाओं में कई बार आना-जाना कर रहे हैं। बाकि 26 सहकारी समितियों में केवल 391 मीट्रिक टन यूरिया का स्टॉक है। ये मात्रा आवश्यकता से काफी कम है। इससे वितरण में समस्याएं आ रही हैं। 14 अगस्त को मार्कफेड और एमपी एग्रो ने टोकन बांटे थे। इनमें से करीब 8 हजार किसानों को अभी तक खाद नहीं दी गई हैं।
यह भी पढ़ें: सतना में वोटर लिस्ट फर्जीवाड़ा का खुलासा, दो कमरे के घर में मिले 59 मतदाता
बता दें किसानों को 16 से 20 अगस्त के बीच टोकन के आधार पर उर्वरक देने का वादा किया गया था। लेकिन न तो जिले को नया यूरिया आवंटन मिला और न ही टोकन धारक किसानों को खाद मिली। किसान महेंद्र सिंह सोलंकी के अनुसार रोपाई के एक महीने बाद भी टॉप ड्रेसिंग के लिए खाद नहीं मिल रही है। खाद की कमी से किसानों को दोहरा नुकसान हो रहा है। धान की फसल खराब हो रही है। साथ ही केसीसी पर मिलने वाले जीरो प्रतिशत ब्याज का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। जिससे उन्हें अन्य संस्थाओं से नकद में खाद खरीदनी पड़ रही है।