NCERT किताब में अहमद को लिखे रीना के पत्र पर विवाद, अभिभावक ने पाठ को लव जिहाद को बढ़ावा देने वाला बताया
छात्रा के पिता ने पाठ के कंटेंट को लेकर शुक्रवार को एनसीईआरटी के सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी को मेल भेजा है। उन्होंने पाठ के कंटेंट को साजिश बताते हुए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की।
छतरपुर। मध्य प्रदेश में एनसीईआरटी की तीसरी क्लास की किताब के एक पाठ को लेकर विवाद खड़ा हो गया। छतरपुर के खजुराहो में एक छात्रा के पिता ने इस पाठ को लव जिहाद को बढ़ावा देने वाला करार दिया है। अभिभावक ने पाठ के कंटेंट को लेकर शुक्रवार को एनसीईआरटी के सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी को मेल भेजा है। उन्होंने पाठ के कंटेंट को साजिश बताते हुए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है।
क्लास तीन की पर्यावरण विषय की किताब में जिस अध्याय 17 के कंटेंट पर आपत्ति जताई गई है। उसका शीर्षक है, 'चिट्ठी आई है'। इसमें एक पोस्टकार्ड छपा है। उसमें लिखा है - ' अहमद तुम बताओ तुम कैसे हो? हम सब दोस्तों को तुम्हारी याद आती है। आशा है छुट्टियों में तुम अगरतला आओगे। सभी बड़ों को प्रणाम, तुम्हारी रीना।
शिकायतकर्ता डॉ. राघव पाठक एक होम्योपैथिक डॉक्टर हैं। वे कहते हैं देश में फैलते साम्प्रदायिक तनाव और लव जिहाद के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मेरी नजर मेरी 7 साल की बेटी के पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस पर गई। जिसके अध्याय 17 (विषय-पर्यावरण) में रीना नाम की हिन्दू लड़की, अहमद नाम के मुस्लिम मित्र को चिट्ठी लिख रही है। जिसे देखकर मैं बेहद आश्चर्यचकित हुआ और सोचने पर विवश हुआ।
इस विवाद पर एनसीईआरटी ने अपना पक्ष रखा है। एनसीईआरटी के पत्र में लिखा है कि 'ग्रेड 3 की पर्यावरण अध्ययन पाठ्यपुस्तक में प्रकाशित पत्र के बारे में जो हाल ही में खबर आई है, वह गलत है। नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (2023) के तहत, ग्रेड 3 से एक नया विषय 'हमारे चारों ओर की दुनिया' शुरू किया गया है, जो पहले चल रहे पर्यावरण अध्ययन की जगह लेगा। यह विषय पर्यावरण शिक्षा पर फोकस करते हुए विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में भी जरूरी स्किल सिखाएगा।'
NCERT ने कहा कि कक्षा 3 के लिए 'हमारी अद्भुत दुनिया' नाम की नई पाठ्यपुस्तक जारी की गई है। NCERT सभी स्कूलों से अनुरोध करता है कि वे ग्रेड 1, 2, 3 और 6 के लिए केवल नई NCERT पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करें। ये पुस्तकें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित हैं, जिनमें संस्कृति, कई भाषाओं का उपयोग, अनुभव से सीखने और एजूकेशन टेक्निक भी शामिल हैं।