हेल्थ विभाग में ‘कोरोना’ : फार्मासिस्ट की मौत, सीएमएचओ बदला
भोपाल में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं।ग्वालियर में फार्मासिस्ट की मौत हो गई तो भोपाल में बढ़ते केसों के बीच सीएम ने जिस सीएमएचओ की तारीफ की थी उसी को हटा दिया गया है।
भोपाल। मप्र की राजधानी में बुधवार को कोरोना के 8 नए मामले सामने आए। इनमें एक पत्रकार भी है। कोरोना का संक्रमण पिछले पांच दिन में बढ़कर 92 तक पहुंच गया। इन पांच दिनों में हर रोज औसतन 20 पॉजिटिव केस सामने आए। इनमें सबसे ज्यादा स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस कर्मियों में संक्रमण फैला है। भोपाल में कोरोना संक्रमण के शिकार पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी आ रहे हैं जिन पर संक्रमण को रोकने का जिम्मा है। ग्वालियर में एक फार्मासिस्ट की इलाज के अभाव में मौत हो गई तो भोपाल में बढ़ते केसों के बीच सीएमएचओ को हटा दिया गया। इसलिए भोपाल में कई अफसर ड्यूटी के बाद घर नहीं जा रहे हैं। उन्हें रोक दिया है। यहां 2100 पुलिसकर्मियों को होटल, लॉज और गेस्ट हाउस में ठहराया गया है, ताकि उनके परिवारों को संक्रमण से बचाया जा सके। इधर, लगातार फैलते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर तरुण पिथोड़े और डीआईजी इरशाद वली ने भी कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल दिए।
जिसकी तारीफ की उसी सीएमएचओ को हटाया
भोपाल में कोरोना संक्रमण बढ़ता देख मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया का तत्काल तबादला कर दिया गया। जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 31 मार्च को ट्वीट कर उन्हें कोरोना वारियर बताया था। तब डॉ. डेहरिया की तस्वीर वायरल हुई थी। तब वे पांच दिन बाद अपने घर पहुंचे थे। परिवार के लोगों तक संक्रमण न पहुंचे, इसलिए उन्होंने दरवाजे पर बैठकर चाय पी थी। तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सीएम चौहान ने भी खूब तारीफ की थी। अब उन्हें हटा दिया गया। इस कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर सवाल उठाया है कि जब भोपाल में संक्रमण तेजी से फैल रहा है तब डेहरिया को क्यों हटाया गया?
पटवारी का ट्वीट : शिवराज सरकार का शर्मनाक काम
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज में फार्मासिस्ट वंदना तिवारी की ग्वालियर में दर्दनाक मौत हो गई। नॉन स्टॉप कोरोना ड्यूटी के चलते उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था। जयारोग्य चिकित्सालय में डॉक्टरों ने उनका इलाज ही नहीं किया था। 24 घंटे तक लावारिस पड़े रहने के बाद उनके पति उन्हें एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए थे। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस पर ट्वीट करते हुए कहा कि शिवराज जी, आपकी सरकार ने इस देवदूत की मदद न कर शर्मसार कृत्य किया है..।
कोरोना फाइटर डॉक्टर के तौर पर लगातार ड्यूटी कर रही शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉ वंदना तिवारी की तबियत बिगड़ी, घंटों लावारिस पड़ी रही, इलाज नहीं मिला और दर्दनाक मौत हो गई..।
— Jitu Patwari (@jitupatwari) April 8, 2020
- शिवराज जी, आपकी सरकार ने इस देवदूत की मदद न कर शर्मसार कृत्य किया है..।