MP में गौपालकों को देना होगा टैक्स, कुत्ता-बिल्ली पालने वालों को भी भरनी होगी फीस

मध्य प्रदेश के शहरी इलाकों में अगर कोई व्यक्ति कुत्ता-बिल्ली, गाय-बैल या अन्य जानवर पालना चाहता है तो उसे रजिस्ट्रेशन कराना होगा और इसे लिए उसे रकम भी चुकानी पड़ेगी।

Updated: Feb 28, 2023, 07:35 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में गौपालकों को बड़ा झटका लगा है। अब गौवंश पालने के बदले सरकार को टैक्स देना पड़ेगा। अलग-अलग पशुओं के लिए शिवराज सरकार ने अलग-अलग रेट निर्धारित किए हैं। प्रति गौवंश के लिए 200 रुपए फीस के रूप में देने होंगे। यह राशि सालाना रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में वसूल किया जाएगा।

मध्य प्रदेश नगरीय विकास और आवास विभाग ने यह व्यवस्था मध्यप्रदेश नगरपालिका (रजिस्ट्रीकरण तथा आवारा पशुओं का नियंत्रण) नियम 2023 के तहत की है। इस संबंध में सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। आदेश के मुताबिक गाय-बैल के रजिस्ट्रेशन में 200 रुपए और कुत्ता-बिल्ली के रजिस्ट्रेशन में 150 रुपये सालाना शुल्क के तौर पर देना होगा। वहीं अन्य जानवरों के रजिस्ट्रेशन में 50 रुपये देने होंगे।

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आदेश के मुताबिक यह रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए किया जाएगा और रजिस्ट्रेशन के दौरान पशु का पहचान चिन्ह भी जारी किया जाएगा। इसके बाद हर साल रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराने के लिए कुत्ता-बिल्ली के 50 रुपये, गाय-बैल के 100 रुपये और अन्य पशुओं के रिन्यूअल में 25 रुपये सालाना रकम चुकानी होगी।
यह नियम नगर निगम, नगरपालिका और नगर परिषद में लागू होंगे। ग्राम इलाकों में कोई फीस नहीं लिया जाएगा।

इसमें पशुओं की जो श्रेणी तय की गई है, उसमें कुत्ता, बैल, घोड़ा, सुअर, ऊंट, खच्चर, बकरी, भेड़ या अन्य पशु शामिल हो सकते हैं। इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। नियमों में कहा गया है कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले हर पशु को एक ब्रांडिंग कोड दिया जाएगा, जिससे उसकी पहचान और संख्या का निर्धारण हो सकेगी। नियम में कहा गया है कि पशु स्वामी विभाग के नियम के नोटिफिकेशन के तीन माह के भीतर या उसे नगर सीमा में लाने के 7 दिन के भीतर पशु का रजिस्ट्रेशन नगरीय निकाय में कराएगा।

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ऐसा नहीं करने पर पशु स्वामी से तय अवधि के बाद पशु के रजिस्ट्रेशन पर दस गुना पेनाल्टी ठोंकी जाएगी। रजिस्ट्रेशन के दौरान पशु चिकित्सक का सर्टिफिकेट देना होगा कि पशु को किसी तरह का संक्रामक रोग नहीं है। एक साल बाद फिर रजिस्ट्रेशन कराना होगा और इसमें देरी होने पर प्रतिदिन के हिसाब से 10 प्रतिशत की पेनाल्टी लगाई जाएगी।

इतना ही नहीं नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि किसी पशु मालिक का पशु दो बार से अधिक आवारा रूप से भटकते पाया जाएगा तो पशु स्वामी को 7 दिन में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। इसके बाद पशु को जब्त कर पेनाल्टी वसूली जाएगी।