देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड की सुनवाई कर रहे जज ने बताया पुलिस से ख़तरा, केस ट्रांसफ़र करने की माँग

कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया मर्डर केस की सुनवाई कर रहे जज ने कहा, झूठे केस में फंसा सकती है पुलिस, कोई अप्रिय घटना भी हो सकती है, बीएपी विधायक रामबाई के पति औऱ देवर हैं मुख्य आरोपी

Updated: Feb 23, 2021, 06:51 AM IST

Photo Courtesy: ndtv
Photo Courtesy: ndtv

दमोह। मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या के मामले की सुनवाई कर रहे एक जज ने पुलिस से खतरा बताते हुए केस को किसी और कोर्ट में ट्रांसफर किए जाने की मांग की है। केस की सुनवाई कर रहे हटा के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश आरपी सोनी ने इस बारे में सत्र न्यायाधीश से अनुरोध भी किया है। हत्या के इस मामले में पथरिया से BSP विधायक रामबाई के पति और देवर मुख्य आरोपी हैं। 

जज आर पी सोनी ने बाकायदा एक ऑर्डर शीट में लिखा है कि वे जिस मामले की सुनवाई कर रहे हैं, उसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है, लेकिन आरोपी बेहद प्रभावशाली और राजनीतिक रसूख वाले हैं। लिहाजा उन्हें इस मामले की सुनवाई करने पर अपने खिलाफ साजिश किए जाने की आशंका है। उन्हें डर है कि पुलिस उन्हें झूठे केस में फंसाने के लिए भविष्य में उन पर कोई गंभीर आरोप लगा सकती है। या उनके साथ कोई अनहोनी भी हो सकती है। 

जज सोनी ने ऑर्डर शीट में लिखा है कि कांग्रेस नेता की हत्या के मामले के आरोपी काफी रसूखदार हैं। मंत्रियों का उनके घर आना जाना है। इतना ही नहीं, आरोपी पहले भी उनके खिलाफ डिस्ट्रिक कोर्ट के जज को एक एप्लीकेशन दे चुके हैं। जज सोनी के मुताबिक डिस्ट्रिक जज ने उनके खिलाफ दिए गए एप्लीकेशन गलत पाते हुए आरोपियों के आवेदन को निरस्त कर दिया था। फिर भी उन्हें डर है कि अभियुक्त अब भी पुलिस के साथ मिलकर उन्हें फर्जी मामले में फंसा सकते हैं या फिर उनके साथ कोई अप्रिय घटना भी हो सकती है। 

जज ने पुलिस प्रशासन, जेल प्रशासन, जेल महानिदेशक समेत कई आला पुलिस अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी दमोह जेल में रखे गए अभियुक्तों को हटा जेल ट्रांसफर नहीं किया गया। जज ने DGP जेल और दूसरे अधिकारियों पर आरोपियों की मदद का आरोप लगाया है। 

मध्य प्रदेश के कैबिनट मंत्री विश्वास सारंग ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बीजेपी द्वारा किसी को संरक्षण नहीं दिया गया है, और ना आगे दिया जाएगा। मध्य प्रदेश में अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा जाना सुनिश्चित किया जाएगा। कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या 15 मार्च 2019 को हुई थी। उनकी हत्या के लिए चुनावी रंजिश को जिम्मेदार माना जाता है।