कोतवाली में हुए प्रदर्शन को लेकर DGP के बयान के बाद कांग्रेस ने उठाया सवाल, प्रशासन ने किसके दबाव में फैलाया भ्रम

इंदौर में चूड़ीवाले पिटाई कांड के बाद एक समुदाय विशेष के लोगों ने सेंट्रेल कोतवाली थाने का घेराव कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी, इसके बाद इंदौर कलेक्टर ने मीडिया में बयान जारी करते हुए कहा था कि इंदौर में समाजिक सौहार्द बिगाड़ने की मंशा से PFI और SDPI जैसे संगठन युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं

Updated: Aug 27, 2021, 08:42 AM IST

इंदौर। मुस्लिम युवक तस्लीम की पिटाई के बाद सेंट्रल कोतवाली थाने के घेराव मामले में मध्य प्रदेश के डीजीपी विवेक जौहरी ने बड़ा बयान दिया है। डीजीपी ने सेंट्रल कोतवाली थाने में हुए प्रदर्शन में PFI और SDPI जैसे संगठनों की भूमिका को सीधे तौर पर खारिज किया है।

डीजीपी का यह इनकार इंदौर कलेक्टर के उस बयान से एकदम विपरीत है, जिसमें कलेक्टर ने कहा था कि इन दोनों संगठन की शह पर इंदौर के समाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम किया जा रहा है। डीजीपी के इस बयान के बाद कांग्रेस ने भी इंदौर प्रशासन द्वारा किए गए दावे पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने पूछा है कि आखिर इंदौर जिला प्रशासन ने किसके दबाव में आकर भ्रम फैलाने का काम किया? 

दरअसल गुरुवार को मुख्यमंत्री ने इंदौर की कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की थी। बैठक के बाद डीजीपी ने जब सेंट्रल कोतवाली में हुए प्रदर्शन में PFI और SDPI की भूमिका को लेकर सवाल किया गया तब डीजीपी ने कहा कि बैठक में इस तरह की कोई आशंका जाहिर नहीं की गई। इसके बाद डीजीपी के सामने पत्रकारों ने इंदौर कलेक्टर के बयान का उदाहरण दिया तो इस पर डीजीपी ने इंदौर कलेक्टर से ही जवाब मांगने के लिए कहा। डीजीपी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान को लेकर कहा कि सीएम ने सिर्फ राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने को बात कही है। 

डीजीपी के इस बयान को अपने ट्विटर हैंडल पर कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने साझा करते हुए कहा कि मप्र के DGP साहब ने इंदौर के सेंट्रल कोतवाली में हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन में PFI व SDPI की भमिका से स्पष्ट इंकार किया है। फिर जिला प्रशासन ने इतना गंभीर आरोप किसके दबाव या षड्यंत्र में लगाकर भ्रम फैलाया?

इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र का एक वीडियो हाल ही में वायरल हुआ था। जिसमें कुछ लोग चूड़ी बेचने वाले तस्लीम नामक युवक की बेरहमी से पिटाई करते हुए दिख रहे थे। इसके बाद तस्लीम की पिटाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कुछ लोगों ने सेंट्रल कोतवाली थाने का घेराव किया था। हालांकि बाद में इस पूरे मामले में एक छात्रा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पीड़ित युवक पर पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। तस्लीम फिलहाल पुलिस की हिरासत में है।