प्रदेश में रहने वाले सहरिया जनजाति के लोगों को मिले सरकारी योजना का लाभ, राज्यसभा में दिग्विजय सिंह ने उठाई मांग
मध्यप्रदेश में सहरिया जनजाति को अति पिछड़े विशेष जनजाति का दर्ज प्राप्त है, लेकिन प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में रहने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है

भोपाल/नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में रहने वाले सहरिया जनजाति को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने की है। दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में रहने वाले सहरिया जनजाति के लोगों सरकारी योजना का लाभ दिलाने के लिए राज्य सभा में सवाल उठाया है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सहरिया जनजाति की आबादी के बावजूद ये लोग सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होने से वंचित हैं।
कांग्रेस नेता ने ऊपरी सदन के पटल पर अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री से कहा है कि मध्यप्रदेश में सरकारी योजना का लाभ दिलाने के लिए सहरिया जनजाति को अति पिछड़े विशेष जनजाति वर्ग में शामिल किया गया है। लेकिन इस समय केवल ग्वालियर और चंबल संभाग में निवास करने वाले सहरिया जनजाति के लोग ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पा रहे हैं।
मैंने राज्यसभा में मप्र के भोपाल व सागर संभाग के सहरिया जाति को अति पिछड़े विशेष जन जाति के अंतर्गत शामिल करने का अनुरोध किया। जिससे उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 12, 2021
अभी सिर्फ चम्बल और ग्वालियर संभाग के ही सहरिया जाति के लोगों को इस विशेष दर्जे का लाभ मिल रहा था। pic.twitter.com/Z3JmRCS4QL
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के भोपाल संभाग, सागर संभाग सहित संपूर्ण बुंदेलखंड में सहरिया जनजाति निवास करती है। लेकिन इन इलाके के सहरिया जनजाति से आने वाले लोग अब भी सरकारी योजना से लाभान्वित होने से वंचित हैं। लिहाजा कांग्रेस नेता ने यह मांग की है कि प्रदेश के बाकी जगहों में निवास करने वाले सहरिया जनजाति के लोगों तक भी सरकार योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाए।
मध्यप्रदेश के बड़ी संख्या में सहरिया जनजाति निवास करती है। राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी सहरिया जनजाति के लोग रखते हैं। लेकिन प्रमुख तौर पर इस जनजाति के लोग मध्य भारत के क्षेत्र में रहते हैं। सहरिया जनजाति में सबसे बड़ी समस्या कुपोषण की है जिससे यह जनजाति ग्रस्त है।