Dr Prabhuram Choudhary: बीजेपी के गढ़ सांची में भी डॉ प्रभुराम चौधरी की राह मुश्किल

MP By Poll 2020: तीन बार कांग्रेस से विधायक रहे डॉ प्रभुराम चौधरी इस बार बीजेपी के टिकट पर उम्मीदवार, दो गुटों में बंटती नजर आ रही है बीजेपी

Updated: Sep 23, 2020, 02:17 AM IST

भोपाल। सांची विधानसभा सीट से 2018 में कांग्रेस से चुने गए डॉक्टर प्रभुराम चौधरी दो साल बाद ही अब बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। प्रभुराम चौधरी का मुकाबला कांग्रेस के मदनलाल चौधरी से है। लेकिन प्रभुराम चौधरी को कांग्रेस से ज्यादा खतरा अपनी ही पार्टी के पूर्व मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार से है। इस कारण डॉ गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार का राजनीतिक भविष्य प्रभुराम चौधरी के बीजेपी में आने से संकट में आना माना जा रहा है।

साल 2018 में गौरीशंकर शेजवार ने अपने बेटे मुदित शेजवार को विधानसभा का टिकट दिलवाया था। मुदित को प्रभुराम चौधरी के सामने हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब परिस्थियां बदल चुकी हैं। प्रभुराम चौधरी अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। अब उपचुनाव में प्रभुराम चौधरी बीजेपी उम्मीदवार हैं। प्रभुराम चौधरी के बीजेपी में शामिल होने से सांची में बीजेपी के दो गुट बनते नजर आ रहे हैं, एक है शेजवार समर्थकों का दूसरा प्रभुराम चौधरी समर्थकों का।

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पेशे से डॉक्टर, राजनीति में बनाया करियर

रायसेन जिले के ग्राम माला में बालमुकन्द चौधरी के घर डॉक्टर प्रभुराम चौधरी का जन्म 15 जुलाई 1958 को हुआ था। उन्होने बीएससी के बाद भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। उनका व्यवसाय कृषि एवं व्यापार है। उनकी खेल में विशेष रूचि है। इसी के चलते वे गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के “गेम्स एंड स्पोर्टस” सेक्रेटरी और वॉलीबॉल टीम के कैप्टन रह चुके हैं।

माधवराव सिंधिया के कहने पर राजनीति में आए

प्रभुराम चौधरी एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान माधवराव सिंधिया के संपर्क में आए थे। साल 1985 में पहली बार माधवराव सिंधिया ने उन्हें सांची विधानसभा से कांग्रेस का टिकट दिलाकर चुनाव लड़वाया था। वे आठवीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे। वे 1989 में संसदीय सचिव रहे।

साल 1991 में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्य, साल 1996 में संयुक्त सचिव और साल 1998 में कांग्रेस महामंत्री बनाए गए। प्रभुराम चौधरी साल 1994 में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुसुचित जाति एवं जनजाति प्रभाग के संयोजक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे है। वे सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक रायसेन के सदस्य और साल 2004 में जिला पंचायत रायसेन के सदस्य रहे।

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2008 और 2018 में भी कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की

डॉक्टर प्रभुराम चौधरी साल 2008 में दूसरी बार विधानसभा सदस्य चुने गए। साल  2008 के चुनाव में सांची से प्रभुराम चौधरी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और बीजेपी के गौरीशंकर शेजवार को हराया था। वहीं साल 2013 में उन्हे गौरीशंकर शेजवार से हार का सामना करना पड़ा। साल 2018 में सांची विधानसभा सीट पर बीजेपी के मुद‍ित शेजवार और कांग्रेस के प्रभुराम चौधरी के बीच मुकाबला था। लेकिन प्रभुराम चौधरी ने जीत हासिल की । 2018 के चुनाव में प्रभुराम चौधरी को 89567 वोट मिले, वहीं  मुदित शेजवार को 78754 वोटों से संतोष करना पड़ा। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में वे सांची विधानसभा सीट से तीसरी बार जीते थे।

कांग्रेस सरकार में स्कूल शिक्षा, बीजेपी के राज में स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा

डॉक्टर प्रभुराम चौधरी ने 25 दिसम्बर, 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्हे स्कूल शिक्षा मंत्री बनाया गया था। वहीं मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी का दामन थामने के बाद हुई सियासी उठापटक के बीच उन्होंने अपनी विधायकी छोड़ दी। प्रभुराम चौधरी ने सिंधिया के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया।

रायसेन जिले की सांची विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने प्रभुराम चौधरी ने अपना मंत्री पद छोड़ दिया। फिलहाल प्रभुराम चौधरी शिवराज कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वे इससे पहले कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

 फिलहाल इस उपचुनाव में डॉक्टर प्रभुराम चौधरी के समक्ष कई चुनौतियां हैं। पिछले दिनो उनके समर्थन में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती पहुंची थीं। उस कार्यक्रम में जनता ने ‘बंद करो मतदान बिक जाते हैं श्रीमान’ के नारे लगाए थे।