E-Tendering Scam: ED ने मेंटाना कंस्ट्रक्शन के चैयरमैन श्रीनिवास राजू को किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को श्रीनिवास राजू के सहयोगी आदित्य त्रिपाठी को भी हैदराबाद से गिरफ्तार किया, दोनों उद्योगपति 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजे गए

Updated: Jan 21, 2021, 06:20 AM IST

Photo Courtesy: NewsClick
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भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित ई-टेंडरिंग घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने राज्य के ई-टेंडर सिस्टम में हेराफेरी करके अवैध तरीके से टेंडर लेने के आरोप में श्रीनिवास राजू और उसके सहयोगी आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि श्रीनिवास राजू के तार मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव गोपाल रेड्डी से जुड़े हैं, जिस वजह से उनसे पहले भी पूछताछ हो चुकी है।

जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बुधवार को हैदराबाद से दोनों उद्योगपतियों को गिरफ्तार किया है। श्रीनिवास राजू मेंटाना हैदराबाद की कंपनी एमएस मेंटाना कंस्ट्रक्शन के मालिक हैं। जबकि आदित्य त्रिपाठी एमएस अरनी इंफ्रा कंपनी का मालिक है। ईडी ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद विशेष अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 3 फरवरी यानी 14 दिनों तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार अपने हर सरकारी काम के लिए ई-टेंडरिंग सिस्टम के जरिए ठेका जारी करती है। टेंडर लेने वाली सभी कंपनियों को इसी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है और बोली के अनुसार ठेके अलॉट किए जाते हैं। मेंटाना कंस्ट्रक्शन के मालिक श्रीनिवास राजू पर आरोप है कि उन्होंने पहले तो गलत तरीके से टेंडर खुलवाया और रिश्वत देकर बोली की रकम में भी बदलाव करवाए। इस तरह से वह पांच साल के लिए एक हजार 30 करोड़ रुपए का टेंडर पाने में कामयाब हो गए। 

इसके अलावा भी कई कंपनियां ऐसी हैं जिनके लिए फर्जी तरीके से टेंडर मनी में बदलाव किया गया। बीते दिनों ही ईडी ने भोपाल, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित करीब 16 जगहों पर छापेमारी की जिसमें कई अहम दस्तावेज हाथ लगे। जांच के दौरान यह पता चला कि श्रीनिवास राजू की कंपनी और हैदराबाद की कुछ कंपनियां पिछले कुछ समय से लगातार टेंडर जीत रही थीं और ये सब टेंडर संभालने वाली कंपनियों की मिलीभगत से हो रहा था। इस काम में श्रीनिवास राजू की मदद आदित्य कर रहा था, जिसकी एमएस अरनी इंफ्रा एक तरह से फ्रंट कंपनी के तौर पर काम कर रही थी।

मध्यप्रदेश ईओडब्ल्यू ने एक अन्य कंपनी ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के 3 डायरेक्टर विनय चौधरी, वरुण चतुर्वेदी और सुमित गोलवलकर को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा है। ईओडब्ल्यू का आरोप है कि इन्होंने फर्जी डिजिटल सिग्नेचर तैयार कर अपने कस्टमर कंपनी को मध्यप्रदेश के अधिकारियों की मिलीभगत से ई-टेंडर में बिडिंग कराकर काम दिलाया था।