सात से 30 नवंबर तक एक्जिट पोल के प्रसारणों पर चुनाव आयोग ने लगाई रोक, उल्लंघन पर होगी दो साल की सजा

आयोग ने अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया है कि मतदान समाप्ति के 48 घंटे के भीतर भी किसी भी ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।

Updated: Nov 01, 2023, 07:19 PM IST

भोपाल। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां भी तेज हैं। चुनाव को लेकर तरह तरह के एग्जिट पोल्स भी आ रहे हैं। इसी बीच चुनाव आयोग ने 7 नवंबर से 30 नवंबर तक किसी भी तरह के एग्जिट पोल के आयोजन और प्रिंट या इलेक्ट्रानिक मीडिया में इसके प्रकाशन पर रोक लगा दी है।

चुनाव आयोग के इस आदेश की जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि मध्य प्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 की आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 31 अक्टूबर 2023 को अधिसूचना जारी कर स्पष्ट किया गया है कि निर्वाचन के दौरान सभी मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए तय समय पर समाप्त होने वाले 48 घंटों के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामलों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।

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राजन ने बताया कि आदर्श आचरण संहिता के दौरान 7 नवंबर की सुबह 7 बजे से 30 नवंबर की शाम 6:30 बजे तक निर्वाचन के संबंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इसके परिणाम का प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से इसका प्रचार-प्रसार करने पर प्रतिबंध रहेगा।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 क में यह प्रावधान किया है कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा, और किसी निर्गम मत सर्वेक्षण के परिणाम का ऐसी अवधि के दौरान प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन या प्रचार या किसी भी प्रकार की अन्य रीति से प्रसार नहीं करेगा जो निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचित किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति इस प्रावधान का उल्लंघन करेगा, तो ऐसी अवधि के कारावास से जो दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से, दंडनीय होगा।