BJP MLA : ममता मीणा के IPS पति का जाति प्रमाणपत्र फर्ज़ी

MP News : पति पर सरकार ने कसा शिकंजा तो पूर्व BJP विधायक बोली राज्य सरकार को कार्रवाई का हक़ नहीं, केंद्र सरकार को जवाबदेही

Publish: Jul 20, 2020, 02:16 AM IST

भोपाल। चाचौड़ा से बीजेपी की पूर्व विधायक ममता मीणा के पति पर राज्य सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आगर ज़िले के पुलिस अधीक्षक रघुवीर सिंह मीणा का जाति प्रमाण पत्र गलत पाया गया है। मीणा ने अपने दस्तावेजों में स्थाई पता सिरोंज ज़िला बताया है।मीणा के जाति प्रमाणपत्र की जांच कर रही जांच समिति को यह जानकारी मिली है कि वो असल में गुना के रहने वाले हैं।  

क्या है पता का हेर फेर  
दरसअल मध्य प्रदेश में सिरोंज ज़िले में मीणा जाति के लोगों को आदिवासी का दर्जा प्राप्त है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में बाकी जगह पर रहने वाले तमाम मीणा जाति के लोगों को ओबीसी वर्ग की मान्यता प्राप्त है। बताया जा रहा है कि आगर पुलिस अधीक्षक रघुवीर सिंह मीणा गुना के निवासी हैं। उनके पास गुना में संपत्ति भी है। ऐसे में पूर्व विधायक के पति पर यह आरोप है कि उन्होंने खुद को सिरोंज का बता कर आरक्षण का लाभ उठाया है। मीणा पर अवैध जाति प्रमाणपत्र बना कर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया जा रहा है। 

किसने की है शिकायत ? कौन कर रहा है जांच ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार चाचौड़ा से पूर्व बीजेपी विधायक ममता मीणा के पति आगर एसपी आरएस मीणा के खिलाफ पुलिस महकमे ने राज्य स्तरीय छानबीन समिति को शिकायत की है। छानबीन समिति ने जांच के दौरान पाया कि आगर पुलिस अधीक्षक आरएस मीणा विदिशा के सिरोंज के रहवासी न हो कर गुना निवासी हैं। बीते गुरुवार को प्रदेश के आदिम विकास विभाग ने आरएस मीणा के जाति प्रमाणपत्र को लेकर जांच कर रही छानबीन समिति की जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग और गृह विभाग को भेजी है। इसके अलावा मीणा की जानकारी विदिशा ज़िले के पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई है।

क्या है ममता मीणा का पक्ष ? 
पूर्व विधायक ममता मीणा ने पूरे घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कहा है कि चूंकि उनके पति राज्य सरकार के न हो कर केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं। ऐसे में यह मामला राज्य के बनिस्बत केंद्र सरकार का विषय है। तो वहीं आगर पुलिस अधीक्षक रघुवीर सिंह का कहना है कि वे पहले भी इस मामले पर अपना पक्ष रख चुके हैं। रघुवीर सिंह मीणा ने कहा कि उनकी सम्पत्ति विदिशा और गुना दोनों ही जगहों पर है। मीणा ने कहा कि हाल ही में क्या हुआ है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। मीणा ने कहा कि किसी भी प्रकार को शंका दूर करने के लिए वे एक बार फिर अपना पक्ष जांच समिति के सामने ज़रूर रखेंगे। 

गौरतलब है कि चाचौड़ा से पूर्व बीजेपी विधायक ममता मीणा ने हाल ही के दिनों में बीजेपी और सरकार के खिलाफ बगावती सुर अपना रखा है। ऐसे में उनके पति के ऊपर की जा रही कार्रवाई को सियासी गलियारों में राजनीतिक बदले के रूप में देखा जा रहा है। इस मामले पर ममता मीणा का कहना है कि 'छानबीन समिति कई जातियों के प्रमाणपत्रों की जांच कर रही है। मुझे नहीं लगता कि राजनीतिक रूप से मेरी सक्रियता की वजह से ऐसा कोई निर्णय हुआ होगा।'

पता बदल कर लाभ उठाने के कई मामले 

सिरोंज ज़िले को लेकर मीणा जनजाति के बीच फर्जीवाड़े का यह अकेला मामला नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक सिरोंज ज़िले के नाम पर लगभग दो लाख से ज़्यादा की संख्या में लोगों ने अपना फर्जी जाति प्रमाणपत्र बना रखा है। जिससे वह समय समय पर ओबीसी वर्ग से आने के बावजूद आरक्षण में आदिवासी कोटे का लाभ उठा रहे हैं। दरसअल एक समय में सिरोंज राजस्थान के कोटा ज़िले का हिस्सा हुआ करता था। लेकिन यह अब मध्य प्रदेश के विदिशा ज़िले का हिस्सा है। चूंकि राजस्थान में मीणा जाति को आदिवासी समाज के रूप में मान्यता प्रपात है, इसलिए पूरे राज्य को छोड़कर सिरोंज ज़िले की मीणा जाति को आदिवासी वर्ग का दर्जा प्राप्त है।