भोपाल के इको सेंसिटिव जोन में स्थित विंड एंड वेव्स में आतिशबाजी, वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स ने बताया जानवरों से क्रूरता

सोमवार शाम को बोट क्लब से 150 मीटर की दूरी पर स्थित एमपी टूरिज्म के रेस्टोरेंट विंड एंड वेव रेस्टोरेंट में नियमों का उल्लंघन करते हुए जमकर आतिशबाजी की गई।

Updated: Mar 06, 2024, 12:25 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में नॉइज पॉल्युशन रोकने के लिए मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटाने संबंधी कड़े कदम उठाए थे। हालांकि, राजधानी में आए दिन नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। सोमवार शाम भोपाल के इको सेंसिटिव जोन में स्थित विंड एंड वेव्स में आतिशबाजी की गई। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स ने इसे जानवरों से क्रूरता बताया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार शाम को बोट क्लब से 150 मीटर की दूरी पर स्थित एमपी टूरिज्म के रेस्टोरेंट विंड एंड वेव रेस्टोरेंट में एक शादी का फंक्शन था। इलाके में मौजूद लोगों के मुताबिक शाम को 6:30 बजे यहां आतिशबाजी हुई है। करीब 15 मिनट तक चलने वाली इस आतिशबाजी में अधिकतम साउंड 84.7 डेसिबल तक था। वहीं, एवरेज साउंड 63 डेसिबल तक था। रेस्टोरेंट में हल्दी का कोई फंक्शन चल रहा था।

वाइल्ड एक्टिविस्ट अजय दुबे ने इसपर आपत्ति जताते हुए कहा कि नेशनल पार्क या वन विहार में जानवरों को रखा जाता है। वहां वेट लैंड बॉडी भी है। माइग्रेटेड पक्षी भी आते हैं। इस तरह के साउंड से वे अत्यधिक विचलित हो जाते हैं। जानवर भी अगर फ्री रेंज में होते तो कहीं छुप भी सकते हैं। लेकिन ओपन बाड़े में कोई विकल्प नहीं होने से उनके बिहेवियर में स्ट्रेस आता है। इसका असर सीधा उनकी लाइफ साइकिल पर भी पड़ता है। यह एक तरह से उनके साथ टॉर्चर है, या यूं कहें कि क्रूरता है। 

अजय दुबे के मुताबिक इस तरह से जहां भी नेशनल पार्क या सेंचुरी होती है वहां ईको सेंसेटिव जोन इसलिए लाया गया है कि वहां मानवीय बसाहट को नियंत्रित किया जाए। वन विहार की खुद की यह ड्यूटी है कि वन विहार के सरांउडिंग एरिया के लोगों संवेदनशील बनाएं। बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि इस इलाके में हाई डेसिबल नॉइज पॉल्यूशन हो रहा है। पहले भी इस इलाके में नियमों को तोड़कर आतिशबाजी की जाती रही है।

मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल मैनेजर ब्रजेश शर्मा ने कहा कि इस तरह से साइलेंट जोन में नॉइज पॉल्यूशन ठीक नहीं है, हमें इससे हमेशा बचना चाहिए, अगर ऐसा हुआ है तो हम मध्य प्रदेश टूरिज्म को इस संबंध में पत्र लिखेंगे ताकि आगे से इस तरह से नियमों को नहीं तोड़ा जाए। वहीं, एमपी टूरिज्म के प्रवक्ता विकास खरे का कहना है कि हम हमेशा लोगों को इस तरह से आतिशबाजी आदि करने से रोकते हैं। हमारी कोशिश रहेगी कि आगे से नियमों का पालन हो।