पूर्व सीएम कमलनाथ ने पूछा, आखिर प्रदेश में मौतें कब रुकेंगी, कब ये निष्ठुर सरकार और जिम्मेदार नींद से जागेंगे

राजधानी भोपाल में एक्टिव मरीजों की संख्या 13,587 पहुँच गई है। ऑक्सीजन की कमी से अस्पतालों में कोरोना के मरीज़ दम तोड़ रहे हैं।

Updated: Apr 27, 2021, 09:11 AM IST

Photo courtesy: twitter
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भोपाल। मध्यप्रदेश का ऐसा कोई जिला नहीं बचा है जो कोरोना महामारी से नहीं जूझ रहा है। कोरोना संक्रमित मरीजों से प्रदेशभर के अस्पतालों में ज़गह कम पड़ने लगी है। ऑक्सीजन की कमी से समूचा प्रदेश जूझ रहा है। श्मशानों में दो गज ज़मीन के लाले पड़ गए हैं। ऐसे में शिवराज सरकार गहरी नींद में लगती है.. ये कहना है पूर्व सीएम कमलनाथ का, उनके ट्वीट का भाव है कि आखिर प्रदेश में कब मौत की जिम्मेदार ये निष्ठुर सरकार जागेगी।

 

 

पूर्व सीएम ने कहा कि "मुरैना, कटनी में अब ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की दुखद मौत हो गई है। आखिर ऑक्सीजन की कमी से प्रदेश में मौतें कब रुकेगी ? कब ये निष्ठुर सरकार और जिम्मेदार नींद से जागेंगे ? कब सरकार इन पीड़ित परिवारों की सुध लेगी? क्या अब तक हुई सारी घटनाओं की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा होगी? सरकार के नाकारापन व लापरवाही के कारण हो रही इन घटनाओं की कब मुख्यमंत्री जिम्मेदारी लेकर प्रदेश की जनता से मांफी मांगेंगे?" पूर्वमुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए प्रदेश की जनता से माफ़ी मांगने को कहा। उन्होंने  मध्यप्रदेश में हो रही कोरोना से मौत का जिम्मेदार मध्यप्रदेश सरकार को ठहराया है।

गौरतलब है कि राजधानी भोपाल में कोविड -19 के एक्टिव मामले इंदौर से ज्यादा हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भोपाल में 13,587 एक्टिव केस हैं, जबकि इंदौर में यह संख्या 13,354 है। ऐसे में भोपाल में ऑक्सीजन की अपूर्ति तेजी से की जा रही है। भोपाल में हर रोज110 टन ऑक्सीजन की जरूरत है। कोरोना कर्फ्यू लागू होने के बाद से अब तक 24 हजार से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि भोपाल शहर में सिर्फ एक प्लांट को छोड़कर ऑक्सीजन के स्टोरेज की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए ऑक्सीजन के जो टैंकर आते हैं उसी से जगह-जगह सप्लाई कर दिए जाते हैं। ऑक्सीजन भी यहां नहीं बनती है, इसलिए अन्य राज्यों से ही ऑक्सीजन मंगवाई जा रही है। मध्यप्रदेश के रीवा, कटनी, ग्वालियर जबलपुर जिलों में ऑक्सीजन की किल्लत  है।