MP में आदिवासी के साथ 40 लाख का फर्जीवाड़ा, पीड़ित के नाम पर सूदखोर कर रहा 10 सालों से नौकरी

आरोपी मनीष पांडे ने पीड़ित श्याम बिहारी आदिवासी को जान से मारने की धमकी दी थी, जिसके बाद आरोपी आदिवासी व्यक्ति की जगह सतना नगर निगम में नौकरी करता रहा, उसके नाम पर आरोपी ने कई बैंक खाते भी खुलवाए, लोन भी लिए

Updated: Feb 27, 2023, 03:27 AM IST

सतना। मध्य प्रदेश के सतना नगर निगम में एक सूदखोर दस वर्षों से किसी अन्य कर्मचारी के नाम पर पिछले दस वर्षों से नौकरी कर रहा है। लेकिन सतना नगर निगम को इसकी भनक तक नहीं लगी। आरोपी ने नगर निगम के कर्मचारी के साथ 40 लाख का फर्जीवाड़ा किया। वहीं कर्मचारी के नाम पर लोन भी उठा लिए। लेकिन बैंक से लेकर नगर निगम किसी को भी इस फर्जीवाड़े की भनक तक नहीं लगी। 

सारी पोल पट्टी तब खुली जब आईडीएफसी बैंक के कर्मचारी बुलेट की किस्त जमा न होने पर रीवा के रजहा गांव स्थित नगर निगम के असली कर्मचारी श्याम बिहारी आदिवासी के घर पहुंच गए। आदिवासी के घर की दयनीय स्थिति देखकर कर्मचारियों के भी होश उड़ गए। हालांकि वह पीड़ित को जल्द ही किस्त चुकाने के धमकी देकर चले गए। 

बैंक की धमकी ने आदिवासी की चिंता बढ़ा दी। जिसके बाद आदिवासी ने वकील के माध्यम से सतना के तमाम आला दर्जे के अधिकारियों से इसकी शिकायत की। प्रदेश के गृह मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक यह शिकायत पहुंचाई गई। लेकिन पिछले तीन महीने से उसकी कोई सुध नहीं ली गई है। 

2003 में श्याम बिहारी आदिवासी की नियुक्ति सतना नगर निगम में हुई थी। जिसके बाद वह अपनी पत्नी के साथ सतना में रहने लगे। 2013 में उनकी पत्नी की तबीयत खराब चल रही थी। जिस वजह से उन्हें सूदखोर मनीष पांडे से पांच हजार रुपए का कर्ज़ लेना पड़ा। 

एक महीने के भीतर जब श्याम बिहारी ने पैसे नहीं लौटाए तब आरोपी ने श्याम बिहारी के घर पहुंच कर जान से मारने की धमकी दे डाली। इतना ही नहीं आरोपी ने कर्मचारी के तमाम जरूरी दस्तावेज भी छीन लिए और आरोपी को अपने गांव लौटने के लिए कह दिया।

श्याम बिहारी आरोपी के डर से अपने गांव वापस लौट गए। इधर आरोपी श्याम बिहारी के नाम पर नगर निगम से वेतन उठाता रहा। उसने श्याम बिहारी के नाम पर आधे दर्जन से अधिक खाते भी खुलवा लिए। जब भी औपचारिक प्रक्रिया में श्याम बिहारी की उपस्थिति ज़रूरत होती, वह उन्हें सतना बुलाया करता और फिर उन्हें वापस दफा करता। उसने श्याम बिहारी के नाम पर कई लोन भी उठा लिए। वह ऐसा पिछले दस वर्षों तक लगातार करता रहा। लेकिन हाल ही में किस्त न भरने पर जब बैंक के कर्मचारी पहुंचे तब श्याम बिहारी यादव से रहा नहीं गया और उन्होंने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया।