कैबिनेट से बाहर किए जाने पर छलका गोपाल भार्गव का दर्द, कहा- मेरे समर्थक पूछ रहे हैं ऐसा क्यों हुआ
गोपाल भार्गव साल 2003 से भाजपा के सभी सरकारों में मंत्री रहे हैं, उन्होंने सागर जिले की रहली विधानसभा सीट से लगातार नौंवीं बार जीत हासिल की है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ पुराने तो कई नए चेहरों को जगह मिली है। कैबिनेट में शामिल कुछ विधायकों के नाम चौंकाने वाले हैं। एक ओर पहली ही बार विधायक बने नेताओं को जहां मंत्रिमंडल में जगह दी गई है, वहीं कुछ दिग्गजों का पत्ता काट दिया गया। इनमें मध्य प्रदेश के सबसे सीनियर विधायक गोपाल भार्गव का नाम भी शामिल है। कैबिनेट से बाहर किए जाने पर गोपाल भार्गव का दर्द भी छलका है।
सियासी गलियारों में गोपाल भार्गव के एक सोशल मीडिया पोस्ट की चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि, बवाल बढ़ने के बाद उन्होंने उसे एडिट कर दिया। गोपाल भार्गव नव नियुक्त मंत्रीगणों को बधाई देते हुए लिखते हैं कि, 'प्रदेश भर से मेरे समर्थक मुझसे पूछ रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ है कि आपको मंत्री मंडल में नहीं लिया गया? मैंने उनसे कहा 40 वर्षों के लंबे राजनैतिक जीवन में अब तक पार्टी ने जो भी जिम्मेदारियां दी है उनको समर्पित भाव से पूर्ण किया है और आगे भी करते रहने के लिए संकल्पित हूं, इसलिए आज मंत्री परिषद् के गठन में पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय का मैं स्वागत करता हूं।'
भार्गव लिखते हैं कि पद आते-जाते रहते हैं, पद अस्थायी हैं, पर जन विश्वास स्थायी है, इतने वर्षों तक मैंने अपने क्षेत्र और प्रदेश की जो सेवा की है वह मेरी पूंजी और धरोहर है। भार्गव के मुताबिक सामाजिक, क्षेत्रीय कारण हैं जिनके आधार पर पद दिए जाते हैं, उसके भीतर जाने या जानने में उनकी कोई रूचि नहीं है, इसलिए वे मौन हैं।
भार्गव लिखते हैं कि मेरे क्षेत्र ने मुझे प्रदेश का सबसे वरिष्ठ 9वीं बार विधायक बनाया, जो देश में दुर्लभ एवं अपवाद है, मुझे 70% वोट देकर 73000 वोटों से जिताया यह ऋण मेरे ऊपर है। मैं जब तक इस क्षेत्र का विधायक रहूंगा कोई कमी या अभाव नहीं रहने दूंगा। खाली समय में अब मैं प्रदेश में समाज को संगठित कर समाज उत्थान के लिए कार्य करूंगा। हालांकि, उन्होंने यह सोशल मीडिया पोस्ट बाद में एडिट कर दिया जिसमें अब केवल नवनियुक्त मंत्रियों को बधाई और शुभकामनाएं वाला ही मैसेज है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सागर जिले की रहली विधानसभा सीट से गोपाल भार्गव सबसे ज्यादा 9वीं बार चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। गोपाल भार्गव लगातार 1984 से जीतते आ रहे हैं। वह प्रदेश के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। 16वीं विधानसभा में गोपाल भार्गव को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। वहीं 15वीं विधानसभा में उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। वह पहली बार 2003 में उमा भारती की सरकार में मंत्री बने थे।