बीमारी बता इलेक्शन ड्यूटी से मना किया तो चली जाएगी नौकरी, रीवा कलेक्टर का अजीबोगरीब फरमान

रीवा जिले के कलेक्टर मनोज पुष्प ने एक आदेश जारी कर कहा है कि जो कर्मचारी अस्वस्थ हैं और मेडिकल कारणों से इलेक्शन ड्यूटी करने में असमर्थता जता रहे हैं, उन्हें जबरिया रिटायर किया जाएगा

Updated: May 30, 2022, 04:14 AM IST

रीवा। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव का ऐलान हो चुका है। चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही अब सरकारी शिक्षकों समेत अन्य कर्मियों को इलेक्शन ड्यूटी पर लगाया जाने लगा है। हालांकि, कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जो अस्वस्थ हैं और मेडिकल कारणों से इलेक्शन ड्यूटी करने में असमर्थ हैं। रीवा में ऐसे कर्मचारियों से नौकरी छीनने की तैयारी है। 

रीवा कलेक्टर ने एक अजीबोगरीब आदेश जारी कर अस्वस्थ चल रहे कर्मचारियों को चेताया है कि उन्हें जबरन रिटायर कर दिया जाएगा। कलेक्टर द्वारा 27 मई को जारी आदेश में कहा गया है कि, 'पंचायत निर्वाचन में संलग्न अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा अपनी अस्वस्थता के कारण निर्वाचन कार्य सम्पादन में असमर्थता बताई जा रही है। विभिन्न कारणों का उल्लेख करते हुए मेडिकल बोर्ड/आवेदन प्रस्तुत हो रहे हैं। ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध शासन के नियमों के अंतर्गत 20 वर्ष की सेवा एवं 50 वर्ष की आयु के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, कई कर्मचारी ऐसे भी होते हैं जो बीमारी का झूठा बहाना बनाकर चुनाव ड्यूटी से कन्नी काटते हैं। यही वजह है कि रीवा कलेक्टर ने सख्त आदेश दिया है। हालांकि, यह उन कर्मचारियों के लिए हानिकारक होगा जो सच में बीमार हैं। इस आदेश के बाद उन अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है जो बीमारी का बहाना बनाकर चुनाव ड्यूटी से बचने की कोशिश करते हैं। हालांकि, वैसे कर्मचारी जो अस्वस्थ हैं उनमें इस आदेश को लेकर आक्रोश व्याप्त है।