मंदिर के लिए जमीन नहीं देने पर पंचायत ने समाज से किया बहिष्कृत, समाज में वापसी के लिए गौमूत्र पीने की रखी शर्त

मध्य प्रदेश के गुना ज़िले का मामला, पीड़ित हीरालाल घोसी ने की जिला कलेक्टर से शिकायत, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

Publish: Nov 17, 2021, 05:51 AM IST

Photo Courtesy: Aaj Tak
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गुना। मध्य प्रदेश के गुना ज़िले में पंचायत ने एक परिवार को अजीबोगरीब फरमान सुनाया है। पंचायत ने पहले मंदिर निर्माण के लिए पूरी जमीन नहीं देने वाले परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया। अब समाज में वापसी के लिए पंचायत ने परिवार के सामने सिर पर जूता ढोने और गौमूत्र पीने की शर्त रख दी है। 

पंचायत के इस तुगलकी फरमान के बाद पीड़िता ने गुना कलेक्टर से इस मामले में शिकायत की है। मंगलवार को पीड़ित हीरालाल घोसी ने कलेक्टर से इस सिलसिले में संपर्क किया था। जिसके बाद गुना कलेक्टर ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। 

यह मामला गुना के शिवाजी नगर का है। मंदिर निर्माण के लिए हीरालाल घोसी से उनकी पूरी जमीन मांगी गई थी। लेकिन हीरालाल घोसी ने पूरी जमीन दान में देने के बजाय जमीन का एक टुकड़ा मंदिर निर्माण के लिए दान में दिया। लेकिन हीरालाल घोसी ने पंचायत इतनी खफा हुई कि हीरालाल और उनके परिवार को समाज से बहिष्कृत करने का तुगलकी फरमान सुना दिया गया। 

पंचायत ने हीरालाल घोसी के घर जाने और समुदाय के किसी भी व्यक्ति को पीड़ित के घर शादी नहीं करने का फरमान सुना दिया। इतना ही नहीं इस फरमान को जब पीड़िता ने रिकॉर्ड कर लिया तब पंचायत ने हीरालाल और उनके परिवार को समाज में वापसी के लिए शर्तें भी जोड़ दी। जिसके मुताबिक अगर हीरालाल और उनके परिवार को समाज में वापसी करनी है, तब इसके लिए परिवार के मुखिया को पूरी जमीन दान करने के साथ सिर पर जूता ढोने और गौमूत्र पीने का फरमान सुना दिया।

पीड़ित हीरालाल ने मीडिया को बताया कि उन्होंने पहले ही अपनी जमीन का एक हिस्सा मंदिर निर्माण के लिए दान कर दिया था। लेकिन अगर वो अपनी पूरी जमीन मंदिर के लिए दान दे दें, तो वे और उनका परिवार खुद कहां रहेंगे। इसलिए हीरालाल ने जिलाधिकारी से इस मामले में मदद मांगी है।