हबीबगंज कहलाएगा रानी कमलापति स्टेशन, राज्य सरकार में केंद्र को भेजा प्रस्ताव, 15 को PM करेंगे उद्घाटन

लंबे अरसे से अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर स्टेशन का नाम रखने की चल रही थी कवायद, अचानक राज्य सरकार ने रानी कमलापति का नाम किया प्रस्तावित, 15 को आदिवासी महासम्मेलन में आ रहे प्रधानमंत्री मोदी

Updated: Nov 13, 2021, 03:25 AM IST

Photo Courtesy: Bansal
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भोपाल। उत्तर प्रदेश चुनाव से पूर्व वहां की तर्ज पर ही मध्य प्रदेश में भी नाम बदलने की सियासत तेज हो गई है। राज्य के परिवाहन विभाग ने शुक्रवार देर शाम केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिख कर मांग की है कि नव निर्मित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन रखा जाए। बताया जा रहा है कि सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टेशन के उद्घाटन के दौरान नए नाम की घोषणा कर सकते हैं।

दरअसल, हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर काफी सालों से पुनर्निर्माण का काम चल रहा था जिसे अब जाकर उद्धघाटन के लिए तैयार किया गया है। पुनर्निर्माण के साथ ही स्टेशन के नाम बदलने की भी कवायद लंबे अरसे से चल रही थी। हालांकि पूर्व में अटल बिहारी वाजपेई रेलवे स्टेशन नाम रखने की कवायद थी। भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने शुक्रवार को भी ट्वीट करके यह उम्मीद जताया था कि इसे बदल कर वाजपेई के नाम पर रखा जाएगा। हालांकि शाम तक इन अटकलों पर विराम लग गया जब परिवहन विभाग की ओर से शुक्रवार शाम केंद्र सरकार को रानी कमलापति नाम का प्रस्ताव भेजा गया। 

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चिट्ठी में लिखा गया है कि 16वीं सदी में भोपाल क्षेत्र गोंड शासकों के अधीन था। रानी कमलापति ने जीवन भर बहादुरी के साथ अतिक्रमणकारियों का सामना किया था। इसलिए रानी कमलापति के सम्मान में हबीबगंज रेलवे स्टेशन को उनके नाम पर रखा जाना चाहिए।

हबीबगंज स्टेशन के पुनर्निर्माण को बंसल ग्रुप ने 450 करोड़ के खर्च में पूरा किया है। यह पहला स्टेशन है जिसे पीपीपी मोड में तैयार किया गया है। इसे बिलकुल हवाईअड्डे के तर्ज पर तैयार किया गया है ताकि यात्री बिना किसी भीड़भाड़ के ट्रेन से 2 मार्गों से बाहर की ओर निकल सकें। यही नहीं यह पूरा स्टेशन सोलर एनर्जी से पावर किया जा रहा है। नए बने इस रेलवे स्टेशन पर अब यात्रियों को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्पिटल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग, हाई सिक्योरिटी समेत कई आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।

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वरिष्ठ पत्रकार और लेखक विजयदत्त श्रीधर ने मध्यप्रदेश के 1000 साल के इतिहास पर लिखी किताब 'चौथा पड़ाव' में हबीबगंज नाम के व्युत्पति का जिक्र किया है। उन्होंने बताया है कि हबीबगंज एक गांव का नाम हुआ करता था, जो अपनी सुन्दरता के लिए जाना जाता था। अरबी में हबीब का अर्थ प्यारा और सुंदर होता है। भोपाल के नवाब की बेगम शाहजहां ने यहां की हरियाली और झीलों के बीच बसे इस गांव का नाम हबीबगंज रखा था। होशंगाबाद (नर्मदा नदी के पुल) से भोपाल तक 70.80 किमी रेल लाइन के लिए बेगम शाहजहां ने 1 नवंबर 1884 को जमीन दी थी। इसके लिए उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के साथ एग्रीमेंट किया था। इसके बाद भोपाल स्टेट रेलवे बनाया गया था। इसमें बेगम शाहजहां ने 50 लाख रुपए दान दिए थे। फिर 1979 में इस रेल परिसर का विस्तार हुआ।