गुना में ओलावृष्टि से सैकड़ों गांवों की फसल चौपट, जयवर्धन सिंह ने सरकार से की जल्द राहत की मांग

गुना जिले के करीब 110 गांवों में ओला और बारिश से किसानों की फसलों को भारी नुकसान, कांग्रेस नेता ने लिया फसलों का जायजा, सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द पीड़ित परिवारों और किसानों को मदद उपलब्ध करवाई जाए

Updated: Jan 07, 2022, 09:41 AM IST

गुना। जिले में भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल चौपट हो गई है। किसानों को 70 फीसदी से ज्यादा का नुकसान होने की आशंका है। पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने जिले के कई गांवों का दौरा कर किसानों से मुलाकात की। कांग्रेस नेता ने किसानों की फसलों का जायजा लिया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पीड़ित किसानों को जल्द से जल्द राहत राशि वितरित की जाए। जयवर्धन सिंह ने जिले के ग्राम बैराखेड़ी, बर्रया, नारायणपुरा, सकौन्या, गोविंदपुरा, पारकना में  अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से हुये नुकसान का जायजा लिया। साथ ही आरोन, राघौगढ़, बीनागंज, कुंभराज के ओलावृष्टि प्रभावित किसानों से मुलाकात की।   

  

दरअसल मध्यप्रदेश में बीते 24 घंटों से रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। पाकिस्तान से आ रही नम हवाएं काफी नीचे होने से एक ट्रफ लाइन निर्मित हो गई है, जिसकी वजह से पश्चिमी राजस्थान के आसपास साइक्लॉन बन गया है। जिसका असर मध्यप्रदेश से लगे इलाकों में पड़ रहा है। राजस्थान से लगे गुना जिले में बारिश और ओले ने तबाही मचा दी है। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। गुना जिले के राघौगढ़, चाचौड़ा आरोन,बजरंगगढ़, मक्सूदनगढ़, नेशकला, सोहराम पुरा में ओले गिरने से भारी नुकसान हुआ है। जिले के करीब सवा सौ से अधिक गांवों में ओले गिरे हैं। सबसे ज्यादा तबाही चांचौड़ा ब्लॉक में हुई है। यहां के 51 गांवों में ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा फसल बरबाद हुई है।

खेतों में खड़ी फसलें बिछ गई हैं, केवल उनकी ठूंठ और डंडियां देखने को मिल रही हैं। ओलावृष्टि से धनिया, सरसों, लहसुन और चने की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इलाके में किसानों को 70 फीसदी से अधिक नुकसान हुआ है, लेकिन शुरुआती दौर में प्रशासन इसे महज 5 से 50 प्रतिशत तक की फसल का नुकसान बता रहा है। वहीं गेहूं और चने के खेतों में पानी भरने से फसलों के खराब होने की आशंका है।

बुधवार से जिले में मौसम के मिजाज बिगड़े हुए हैं। लगातार बारिश और ओले का दौर जारी है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी ओले गिरने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी 3 दिनों तक प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश का दौर चलेगा। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान से आई नम हवाओं की वजह से एक दूसरा सिस्टम भी एक्टिव है। जिसकी वजह से भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल,  सागर, पन्ना छतरपुर, रीवा में बारिश के आसार हैं। रायसेन, सीहोर, सतना समेत कई जिलों में गरज, चमक के साथ बारिश और ओले गिरने की भी आशंका है।

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बारिश के बाद 10 जनवरी से कड़ाके की ठंड पड़ने की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार भोपाल सिटी 40.8 मिमी, खजुराहो 40.0 मिमी, टीकमगढ़ 37.0 मिमी, नौगांव 31.2 मिमी, ग्वालियर 27.8 मिमी, सागर 20.0 मिमी, रायसेन 16.2 मिमी, इंदौर 11.4 मिमी, दतिया 11.0 मिमी, गुना 7.8 मिमी, सतना 3.6 मिमी, खरगोन 3.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इस बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

मौसम विभाग ने ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों और राजगढ़, विदिशा, आगर और शुजालपुर में गरज चमक के साथ बिजली गिरने और कई जगहों पर ओले गिरने का आरेंज अलर्ट जारी किया है। रीवा, सागर संभाग समेत दर्जनभर जिलों में भी बारिश के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।