कर्मचारियों ने फिर दिया अल्टीमेटम, केंद्र के समान DA नहीं मिला तो 30 जुलाई से करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल

केंद्र के समान DA, दो साल से रुका इंक्रीमेंट, एरियर और प्रमोशन समेत कई मांगों के लिए लामबंद हुए प्रदेश के कर्मचारी, 29 जुलाई को सामूहिक आवकाश और 30 से बेमियादी हड़ताल की चेतावनी, केंद्र के समान 28 प्रतिशत DA की मांग

Updated: Jul 24, 2021, 01:23 PM IST

Photo Courtesy: tech for ftcp
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भोपाल। मध्यप्रदेश के कर्मचारी लगातार केंद्र के समान 28 प्रतिशत DA की मांग कर रहे हैं। मंगलवार को एक दिन की हड़ताल के बाद शनिवार को भी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा समेत 43 संगठन चरणबद्ध आंदोलन में जुटे हैं। आज प्रदेश के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया। कर्मचारियों ने कई मंत्रियों से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा।

कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार की ओर से अब तक किसी तरह की कोई घोषणा या आश्वासन नहीं मिला है। जबकि वे मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप चुके हैं। अपनी मांगों की अनदेखी के विरोध में कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी है कि अगर 30 जुलाई तक सरकार ने इस बारे में अपना मत स्पष्ट नहीं किया तो कर्मचारी एक जुट होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। कर्मचारियों की मांग है कि सरकार वेतन वृद्धि और प्रमोशन के मुद्दे पर भी अपनी मंशा स्पष्ट करें। कर्मचारी संघ की ने प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों से उनका सहयोग करने की अपील की है। 

मंगलवार 20 जुलाई को प्रदेशव्यापी हड़ताल कर चुके कर्मचारी अब एक बार फिर हड़ताल करने वाले हैं, कर्मचारियों ने 29 जुलाई को सामूहिक आवकाश पर जाने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर सरकार ने कर्मचारियों के DA में वृद्धि और दो इंक्रीमेंट और प्रमोशन को लेकर कर्मचारियों की मांग नहीं मानी तो कर्मचारी 30 जुलाई से बेमियादी हड़ताल करेंगे।

दरअसल कर्मचारियों की 2020 से 2021 तक के इंक्रीमेंट को रोक दिया गया था। वहीं अब केंद्र और राज्य की महंगाई भत्ते में भी भारी अंतर है। फिलहाल प्रदेश में कर्मचारियों का DA 12% है। यह पहले ही केंद्रीय कर्मचारियों से 5% कम था। अब केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों का   DA 17 से 28 प्रतिशत कर दिया है। अब प्रदेश में केंद्र से 16 प्रतिशत कम महंगाई भत्ते पर संतोष करना पड़ रहा है। कर्मचारी केंद्र से समान DA की मांग कर रहे हैं।

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वहीं प्रमोशन नही मिलने से दुखी कर्मचारी भी अपने प्रमोशन पर फैसला चाहते हैं। प्रदेश के सैकड़ों कर्मचारी प्रमोशन की बाट जोह रहे हैं। प्रमोशन में आरक्षण का केस कोर्ट में होने की वजह से उन्हें प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है। दरअसल 2021 में प्रदेशभर में करीब 21 हज़ार कर्मचारियों का रिटायरमेंट होने वाला है। वे चाहते हैं कि उनका प्रमोशन के बाद रिटायरमेंट हो ताकि पेंशन में लाभ मिल सके। इसी तरह प्रदेश में करीब 5 लाख 55 हज़ार कर्मचारियों को सरकार के ऐलान का इंतजार है कि कब वह अपना पिटारा खोलेगी औऱ कर्मचारियों की मांग पूरी करेगी। अगर सरकार बढ़ती महंगाई के इस दौर में भी कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ाती तो कर्मचारी आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।