Indian Railways : जबलपुर में बना बैटरी से चलने वाला इंजन

Navdoot : रेलवे का एक और कारनामा, बैटरी से चलने वाले इंजन का नाम रखा गया है नवदूत

Publish: Jul 11, 2020, 03:23 AM IST

Photo courtesy : patrika
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जबलपुर। भारतीय रेल ने बैटरी से चलने वाले इंजन का निर्माण किया है। इसका निर्माण पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर मंडल द्वारा किया गया है। रेलवे ने इसका नाम नवदूत रखा है। जबलपुर मंडल द्वारा तैयार किए गए इस इंजन का सफल परीक्षण भी हो चुका है। इसका मतलब यह है कि जल्द ही भारत में बिना डीज़ल के ट्रेन पटरियों पर दौड़ती दिखेंगी। 

अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगा नवदूत 
जबलपुर मंडल द्वारा तैयार किया गया बिना डीज़ल के चलने वाले इंजन के भविष्य में काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। यह पर्यावरण संरक्षण में काम आ सकता है। बैटरी से चलने वाले इंजन से बड़ी संख्या में तेल की खपत को रोका जा सकता है। जो कि देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देगा। अगर इस इंजन को पटरी पर और योजना को अमली जामा पहनाया जाता है तो यह योजना बहुत बड़ी मात्रा में तेल के खपत को कम करेगा। ज़ाहिर है तेल की खपत कम होने से देश में तुलनात्मक दृष्टि से तेल की मांग कम हो जाएगी। ज़ाहिर है इस वजह से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर प्रभाव कम पड़ेगा।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 'रेलवे के जबलपुर मंडल में बैटरी से चलने वाले ड्यूल मोड शंटिंग लोको 'नवदूत' का निर्माण किया गया, जिसका परीक्षण सफल रहा।बैटरी से ऑपरेट होने वाला यह लोको एक उज्ज्वल भविष्य का संकेत है, जो डीजल के साथ विदेशी मुद्रा की बचत, और पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा कदम होगा।'

 सोलर पावर की बिजली से ट्रेनों को दौड़ाने का लक्ष्य 
भारतीय रेल ने अब रेल पटरियों पर बिना डीज़ल के चलने वाले इंजन की मदद से ट्रेनों के परिचालन का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही रेलवे ने सोलर पावर की बिजलियों से ट्रेनों को दौड़ाने की बात कही है। रेलवे ने इसके लिए अपनी कमर कस ली है। दरअसल मध्य प्रदेश के ही बीना में रेलवे ने सोलर पावर प्लांट भी तैयार किया है। बताया जा रहा है कि इससे तकरीबन 1.7 मेगावाट की बिजली उत्पन्न होगी। जो कि सीधे ट्रेनों के ओवरहेड तक पहुंचेगी। रेलवे के मुताबिक भारत ऐसा कारनामा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।

रेलवे के कारनामे 
हाल ही के दोनों में भारतीय रेल ने एक के बाद एक कारनामे किए हैं। इससे पहले पिछले हफ्ते ही भारतीय पटरियों पर 2.8 किलो मीटर लंबा शेषनाग को दौड़ा कर रेलवे ने कीर्तिमान स्थापित किया। इस ट्रेन में चार इंजन लगाए गए थे। ये ट्रेन 251 वैगन के साथ चली। रेलवे ने 2 किलोमीटर लंबी सुपर एनाकोंडा को भी दौड़ाया था, जिसमें 6000 हॉर्स पावर की क्षमता वाले 3 इंजन लगाए गए थे। इस ट्रेन में 177 लोडेड वैगन थे। पिछले ही महीने रेलवे ने एक और कारनामा दिखाते हुए पश्चिम रेलवे के विद्युतीकृत क्षेत्र में ओवर हेड इक्विपमेंट क्षेत्र में पहली बार डबल-स्टैक कंटेनर ट्रेन को सफलतापूर्वक चलाया।इस ट्रेन का गुजरात के पालनपुर से बोटाद स्टेशन के बीच सफलतापूर्वक परिचालन किया गया था।