मध्य प्रदेश में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल जारी, सरकार पर लगा जूडा के परिजनों को धमकाने का आरोप
भोपाल जूनियर डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉक्टर हरीश पाठक ने सरकार पर लगाया गंभीर आरोप, कहा सरकार हड़ताल रद्द करवाने के लिए उनके माता-पिता को करवा रही प्रताड़ित, मंगलवार को सरकार ने हड़ताल खत्म नहीं करने पर दी थी सख्ती की चेतावनी

भोपाल। कोरोना महामारी के दौर में प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों के हजारों जूनियर डाक्टर अपनी विभिन्न मांगों के लिए हड़ताल पर हैं। 31 मई से जारी इस हड़ताल से अस्पतालों की व्यवस्था चरमराई हुई है। अब इस हड़ताल में एक नया मोड आता नजर आ रहा है। अब सरकार जूनियर डाक्टरों की हड़ताल खत्म करने के लिए दबाव बना रही है। इसके लिए डाक्टरों के परिजनों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
भोपाल जूनियर डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉक्टर हरीश पाठक का आरोप है कि सिंगरौली पुलिस ने मंगलवार देर रात उनके बुजुर्ग माता-पिता को धमकाया है, और कहा है कि वे अपने बेटे से हड़ताल खत्म करने को कहें। डॉक्टर पाठक ने अपनी आपबीती एक वीडियो जारी कर सुनाई है, उनका कहना है कि अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों का इलाज करने का इनाम सरकार की ओर से मिला है। कोरोना इंसेटिव देना तो दूर अब सरकार डॉक्टरों का जीना दूभर करना चाहती है, हड़ताल खत्म करवाने के लिए उनके पेरेंट्स को प्रताड़ित किया जा रहा है।
डॉक्टर हरीश पाठक का कहना है कि वे अपने पेरेंट्स से एक साल से नहीं मिले, कई दिनों तक उनसे बात नहीं हो पाती है। सरकार एक छोटे से जूनियर डॉक्टर पर दबाव बनाने के लिए माता-पिता को प्रताड़ित करने पर उतारू हो गई है। इससे पहले प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने हड़ताली जूनियर डॉक्टर्स को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने हड़ताल खत्म नहीं की तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं इस मामले में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सरकार से संवेदनशील रवैया अपनाने को कहा था। उन्होंने कहा था कि ‘ प्रदेश में छह सूत्रीय मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। कोरोना महामारी के इस संकट काल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी। जनहित में सरकार तत्काल उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर निर्णय ले और उनकी हड़ताल समाप्त करवाये।’’ जूडा का आरोप है कि प्रदेश सरकार केवल आश्वासन दे रही है, उनकी मांगें नहीं पूरी कर रही है।
जूनियर डॉक्टर अपना मानदेय बढ़ाने कोरोना संक्रमित होने पर अपना और अपने परिवार का फ्री इलाज, पढ़ाई नहीं होने की स्थिति में फीस माफी समेत 6 मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इससे पहले अप्रैल में भी जूडा ने हड़ताल की थी, जिसके बाद सरकार ने मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था। एक महीना बीत जाने के बाद भी उसके लिखित आदेश जारी नहीं किए। जिससे नाराज जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया और सोमवार से प्रदेशव्यापी हड़ताल पर चेले गए हैं। इनदिनों प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंसग से मरीज भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इनकी हड़ताल से मरीजों के इलाज पर असर पड़ रहा है।