Jyotiraditya Scindia: हाथ मिलेंगे, दिल अभी मिले नहीं

MP BJP: कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया की इंदौर में होगी मुलाक़ात, अपने शहर में भाई की अनदेखी

Updated: Aug 18, 2020, 02:41 AM IST

भोपाल। कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में आए सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया आज इंदौर और उज्जैन के दौरे पर हैं। वे दोनों जगह बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाक़ात करेंगे। इन मुलाक़ातों में सबसे ज़्यादा चर्चा इंदौर की राजनीति में भाई नाम से मशहूर बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और सिंधिया की मुलाक़ात है। पार्टी से ले कर प्रदेश की क्रिकेट राजनीति के ये दो धुर विरोधी नेता आज हाथ मिलाने जा रहे हैं मगर इस मुलाक़ात के पहले की घटनाएँ बता रहीं हैं कि अभी दिल नहीं मिले हैं। 

उपचुनाव की तैयारियों के बीच तय कार्यक्रम के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया 17 अगस्त को दोपहर एक बजे इंदौर पहुँचेंगे। इंदौर एयरपोर्ट से वे सीधे महू जाएंगे। महू में वे संस्कृति ऊषा ठाकुर से मुलाकात करेंगे। उषा ठाकुर से मुलाकात के बाद वे उज्जैन जाएंगे।शाम को महाकाल की शाही सवारी की पूजा के पहले वे बीजेपी सांसद अनिल फिजोरिया और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से मिलेंगे। इंदौर में वे बीजेपी के 4 बड़े नेताओं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी और विधायक रमेश मेंदोला से मिलेंगे। 

मुलाक़ात के पहले विज्ञापन चर्चा में 

इंदौर यात्रा के दौरान सिंधिया की बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से मुलाक़ात पर सभी की निगाहें हैं क्योंकि दोनों नेता राजनीति में ही नहीं क्रिकेट की राजनीति में भी एक दूसरे के धुर विरोधी रहे हैं। विश्लेषक बताते हैं कि कैलाश विजयवर्गीय तो ठीक उनके समर्थक भी एमपी क्रिकेट एसोसिएशन पर कब्जे की लड़ाई में 2010 में सिंधिया के हाथों मिली हार को भूल नहीं पाए हैं। 2010 में एमपीसीए के चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कैलाश विजयवर्गीय को 10 वोट से हराया था। हार के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने सिंधिया को उस वक्त छोटा नेता बताया था। उसके बाद दोनों खुद तो चुनाव नहीं लड़ते हैं लेकिन अपने-अपने समर्थकों के रूप में एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। शायद यही कारण है कि सिंधिया समर्थक नेता मोहन सेंगर ने सिंधिया के आगमन पर स्वागत विज्ञापन दिया तो उसमें बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और उनके समर्थक विधायक रमेश मेंदोला को स्थान नहीं दिया। सेंगर ने कांग्रेस के टिकट पर रमेश मेंदोला के सामने विधानसभा चुनाव लड़ा था और हारे  थे। विजयवर्गीय और सिंधिया तथा उनके समर्थकों की यह अदावत आज भी जारी है। 

विजयवर्गीय को भूले शेखावत याद रहे 

ज्योतिरादित्य सिंधिया की इंदौर यात्रा पर उनके ख़ास समर्थक मोहन सेंगर ने स्वागत विज्ञापन में बीजेपी के सभी दिग्गज नेताओं के फोटो लगाए मगर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और ज़मीनी नेता विधायक रमेश मेंदोला को भूल गए। मोहन सेंगर द्वारा सार्वजनिक रूप से इन दिग्गज नेताओं को नजरअंदाज करना कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला के समर्थकों को रास नहीं आ रहा है। बात केवल इतनी नहीं है। इस विज्ञापन में भवंरसिंह शेखावत का फोटो शामिल किया गया है जो पिछले कुछ समय से लगातार कैलाश विजयवर्गीय पर निशाना साध रहे हैं। 

Click  सिंधिया के उम्मीदवारों को हराना चाहते हैं विजयवर्गीय

शेखावत ने कहा था सिंधिया समर्थकों को हराना चाहते हैं विजयवर्गीय 

बीते दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत ने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर तीखे हमले किए हैं। मीडिया से चर्चा में शेखावत ने कहा था कि पिछले विधानसभा चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय ने कई सीटों पर बागी प्रत्याशी उतारकर पार्टी को हरवाया। अब वे उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक प्रत्याशियों वाली पांच सीटों पर पार्टी को चुनाव हरवाकर एमपीसीए की हार का बदला लेना चाहते हैं।शेखावत ने कहा था कि अपने बेटे का राजनीतिक करियर संवारने के लिए विजयवर्गीय ने उषा ठाकुर को शहर से बाहर करवाया। हद तो यह है कि बल्ला कांड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सार्वजनिक तौर पर आकाश को पार्टी से बाहर करने के आदेश को भी नहीं माना। पता नहीं संगठन विजयवर्गीय से क्यों डरता है?

सांवेर और बदनावर में अहम् विजयवर्गीय भूमिका 

आगामी उपचुनाव में बीजेपी ने महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मालवा क्षेत्र की 5 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है। वे मालवा निमाड़ की हाटपिपल्या, बदनावर, आगर, सांवेर और सुवासरा विधानसभा सीटों के लिए रणनीति बनाने का काम करेंगे। जबकि सांवेर में उनके समर्थक विधायक रमेश मेंदोला प्रभारी हैं। सांवेर में सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट तथा बदनावर में मंत्री राजवर्धन सिंह उम्मीदवार होंगे।