मप्र में बनेगा मानसिक स्वास्‍थ्‍य प्राधिकरण

कमलनाथ कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में जनप्रतिनिधियों के स्वेच्छानुदान में बढ़ोत्तरी की गई है। विधानसभा अध्यक्ष का एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ और उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दिया गया है। कैबिनेट ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी) का गठन किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सरकार ने इंदौर में 937 करोड़ रुपए से 970 बेड का सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल और मप्र मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण बनाने का निर्णय लिया है।

Publish: Mar 04, 2020, 08:12 AM IST

MP CM Kamal Nath Cabinet Meeting
MP CM Kamal Nath Cabinet Meeting

जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कैबिनेट बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 की धारा-45 के अंतर्गत प्रदेश में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी) का गठन किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्राधिकरण में 9 शासकीय और 11 अशासकीय सदस्य होंगे। इसी के साथ, प्रदेश में विशेषज्ञों की कमी को देखते हुये हर संभाग में एक मानसिक स्वास्थ्य रिव्यू बोर्ड का भी गठन करने का निर्णय लिया गया। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड जबलपुर को एसबीआई से मिलने वाले 500 करोड़ रुपए की गारंटी सरकार देगी। 

कैबिनेट ने नगर भूमि सीमा अधिनियम 1976 को मंजूरी दे दी है। नजूल की जमीन पर बनी अवैध कॉलोनियों वैध की जाएंगी, इसके लिए तय शुल्क देना होगा। इसके लिए विभाग ने 20 साल पुराने नजूल भूमि आवंटन नियम बदलकर नजूल निवर्तन निर्देश 2020तैयार किया गया है। इसके अलावा विभाग भोपाल, इंदौर समेत अन्य शहरों में सरकारी जमीनों पर बनी अवैध कालोनियों को वैध करने की व्यवस्था का प्रस्ताव पेश किया गया और चर्चा हुई। 

मंत्री पटवारी ने बताया कि इंदौर में सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल 937 करोड़ रुपए से बनेगा। अस्पताल 970 बेड का होगा, क्योंकि इंदौर के अस्पतालों में पहलेसे ही मरीजों का बहुत ज्यादा बोझ है। संभाग और प्रदेशभर से लोग इंदौर पहुंचते हैं। ऐसे में इस अस्पताल की जरूरत थी। इसके साथ ही चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर और इंदौर में नए पदों का सृजन किया गया है। 54 पद जबलपुर और 59 पदों का इंदौर में सृजित किए गए हैं। वर्ष 2000 में इन्हें वैध करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन शुल्क की वसूली न होने से यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया गया था। इस मामले में नगर भूमि सीमा अधिनियम 1976 के अंतर्गत व्यवस्थापन किया जाएगा।

बैठक में मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली 15 ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजनाओं को स्वीकृति दी गयी। इन जलप्रदाय योजनाओं की कुल अनुमानित लागत 7854 करोड़ 68 लाख रूपये है। इन योजनाओं के कार्य पूर्ण होने पर 13 जिलों के 4022 गाँव को घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल सुविधा उपलब्ध होगी।