पुलिस कस्टडी में मौत मामले में मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब, DGP और SP को दी 3 हफ्ते की मोहलत

खंडवा के मांधाता थाने में किशन नामक युवक की सोमवार को मौत हो गई थी, मृतक के भाई ने आरोप लगाया है कि पुलिसिया बर्बरता ने उसके भाई की जान ली है, जबकि पुलिस ने मृतक को उसके भाई पवन द्वारा मारे जाने की आशंका जताई थी

Publish: Sep 16, 2021, 10:12 AM IST

खंडवा। खंडवा में पुलिस कस्टडी में हुई मौत मामले में मानवाधिकार आयोग ने खुद संज्ञान ले लिया है। मानवाधिकार आयोग ने मध्य प्रदेश के डीजीपी और खंडवा के पुलिस अधीक्षक से इस पूरे मामले में जवाब मांगा है। आयोग ने इसके लिए तीन हफ्ते की मोहलत दी है। 

सोमवार देर रात खंडवा के मांधाता थाने में चोरी के आरोप में कैद किशन नामक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पुलिस ने पहले तो किशन की मौत के पीछे कारण बताया कि अचानक तबीयत बिगड़ने से युवक की मौत हुई है। लेकिन किशन की शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि उसे गला दबा कर मारा गया है। डॉक्टरों की टीम ने बताया कि किशन के गले में चोट के निशान मिले हैं। जोकि हत्या की आशंका को बढ़ाते हैं।  

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इस खुलासे के बाद किशन के भाई और पिता के बयान भी सामने आ गए। किशन के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझ कर किशन को कोर्ट में पेश नहीं किया और लगातार उसकी पिटाई करती रही। जिस वजह से किशन की मौत हो गई। वहीं किशन के साथ उसी हवालात में मौजूद पवन ने खुलासा किया कि उसके सामने ही उसके भाई को बेरहमी से पीटा गया। उसे जंगल में ले जा कर गोली मारने की धमकी भी दे गई थी।लेकिन पुलिस ने इन तमाम आरोपों को खारिज कर दिया। पुलिस ने उल्टा पवन पर ही अपने भाई के कत्ल का इल्ज़ाम लगा दिया।  

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इस पूरे मामले की मजेस्ट्रियल जांच चल रही है। जांच में किशन के परिजनों और पुलिस स्टाफ के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। मीडिय रिपोर्ट्स के मुताबिक मांधाता थाने का सोमवार देर रात का सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला गया है। फुटेज में थाने के निलंबित टीआई व पुलिस कॉन्सटेबल अचेत अवस्था में पड़े किशन को उठाकर ले जाते हुए दिखाए दे रहे हैं।