पुलिस कस्टडी में युवक की मौत, अरुण यादव ने मांगा नरोत्तम मिश्रा का इस्तीफा

खंडवा के मांधाता में पुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत का मामला सामने आया है, मृतक को चोरी की शक में पुलिस पकड़ कर लाई थी, लेकिन दावे के अनुसार मृतक की अचानक तबियत बिगड़ी और अस्पताल ले जाने तक युवक दम तोड़ चुका था

Updated: Sep 15, 2021, 09:21 AM IST

खंडवा। मध्य प्रदेश के खरगोन में पुलिसिया बर्बरता के कारण हुई आदिवासी युवक की मौत अभी लोगों के ज़हन से गायब भी नहीं हुई थी कि खंडवा में एक अन्य युवक की पुलिस कस्टडी में मौत का मामला सामने आ गया है। बीती रात खंडवा के मंधाता में एक युवक की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। इस मामले में गृह मंत्री ने न्यायिक जांच के आदेश देते हुए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का फरमान तो सुना दिया। लेकिन अब कांग्रेस नेता अरुण यादव ने खुद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को इस्तीफा देने के लिए कहा है।  

अरुण यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अब खंडवा जिले के मांधाता थाने में एक युवक की मौत हो गई है,खरगोन के गोगावा निपानी निवासी किशन को पुलिस बाइक चोरी के मामले में पूछताछ के लिए गिरफ्तार करके लाई थी,क्या इसी तरह पुलिस कस्टडी में मौतें होती रहेगी?मुंह चलाने से कुछ नहीं होगा, अब गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। 

क्या है मामला 

खंडवा में मांधाता थाने की पुलिस ने किशन नामक एक युवक को बाइक चोरी के आरोप में पकड़ा। पुलिस किशन के साथ उसके भाई को भी अपने साथ गिरफ्तार कर थाने ले आई। लेकिन पुलिस कस्टडी में किशन तबियत कथित तौर पर बिगड़ गई। किशन की हालत खराब होता देख पुलिस आनन-फानन में किशन को अस्पताल लेकर गई। लेकिन जब तक किशन को डॉक्टरों तक पहुंचाया जाता, किशन इस दुनिया से विदा ले चुका था।  

किशन को देखते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सोमवार सुबह को यह बात जंगल में लगी आग की तरह फैल गई। पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत की खबर जब शिवराज सरकार के कानों तक पहुंची, तब शिवराज सरकार ने आनन-फानन में थाने के टीआई, एएसआई और दो कॉन्सटेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए।  

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हालांकि मृतक किशन की मृत्यु किस वजह से हुई, इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है। न तो किशन के परिजनों की ओर से किसी तरह का आरोप सामने आया है। खबर टाइप किए जाने तक किशन की पोस्टमार्टम सामने नहीं आई है। मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी कि आखिर किशन की मौत एक प्राकृतिक मौत है या वह भी खरगोन मामले की तरह ही पुलिसिया बर्बरता का शिकार हुआ।  

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इससे पहले खरगोन के बिस्टान थाने में बिसेन नामक आदिवासी युवक की मौत हो गई थी। पुलिस ने चोरी के शक में बिसेन सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस की क्रूरता के कारण बिसेन की मौत हो गई थी। मामले में विपक्षी दल कांग्रेस के लगातार कड़े विरोध के बाद शिवराज सरकार ने आखिरकार खरगोन एसपी को निलंबित किया। उस मामले की जांच भी अभी जारी है। बिसेन की मौत के बाद भी थाने के चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था।