Corona crisis: MANIT व MCU में फीस माफी की मांग

छात्रों के विरोध के बाद फीस भरने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई लेकिन राहत की उम्मीद कम

Publish: May 22, 2020, 06:06 AM IST

Photo courtesy : LII
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मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT) के लगभग 1800 छात्रों ने कॉलेज प्रशासन द्वारा जारी किए गए फीस संबंधी अधिसूचना का विरोध किया है। चूंकि कक्षाओं का ऑनलाइन संचालन हो रहा है इसलिए छात्रों की मांग है कि ट्यूशन फीस के अलावा सभी तरह की अतिरिक्त फीस को हटाया जाए। इसके पूर्व माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी प्रशासन द्वारा फ़ीस जमा करने के लिए लगातार दबाव बनाए जाने को अनुचित बताया था। पत्रकारिता विवि के छात्रों ने प्रशासन से मानवीय आधार पर निर्णय लेने की मांग की थी।

दरअसल, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रशासन ने 8 मई को एक अधिसूचना जारी कर 30 जून तक रजिस्ट्रेशन और सेमेस्टर फीस भरने की बात कही थी। कॉलेज प्रशासन द्वारा जारी अधिसूचना में उक्त समय तक फीस नहीं भरने वाले छात्रों का एडमिशन निरस्त करने की बात कही गयी है।

इस अधिसूचना की प्रतिक्रिया में मैनिट के 1800 छात्रों ने प्रशासन को पत्र लिखकर कहा है कि लॉकडाउन के कारण ऑनलाइन कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इस वजह से छात्रों पर अतिरिक्त फ़ीस जैसे एजुकेशनल टूर, मेडिकल, यातायात, इंटरनेट और प्रोफ़ेशनल गतिविधियों के नाम पर लिए जा रहे फीस में कटौती किया जाए। छात्रों ने डायरेक्टर एनएस रघुवंशी और रजिस्ट्रार बी.डी मित्तल को मेल कर अपनी मांग रखते हुए 1800 छात्रों की लिस्ट भी सौंपी जो इस मांग का समर्थन कर रहे हैं।

मैनिट के केमिकल इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष में अध्ययनरत छात्र प्रशांत राव गोखले ने बताया कि ऐसे समय में जब देशभर में लॉकडाउन है और नागरिकों के रोजगार पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा है तब कॉलेज प्रशासन द्वारा अधिसूचना जारी कर छात्रों पर फीस भरने का दबाव बनाया जाना अनैतिक है। उन्होंने कहा, 'कॉलेज प्रशासन एआईसीटीई के गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हुए छात्रों से लगभग 65 हजार रुपए फ़ीस मांग रहा है। वहीं दूसरे छात्रों ने बताया की लॉकडाउन के दौरान चूंकि हॉस्टल बंद है और हम बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं इसलिए उसके पैसे हमें वापस लौटाए जाएं या अगले सेमेस्टर के लिए जमा माना जाए।

मामले पर रजिस्ट्रार मित्तल ने बताया कि छात्रों के कंप्लेन के बाद फ़ीस जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया गया है अब छात्र दो किश्तों में फ़ीस जमा कर सकते हैं व जो छात्र इसके बाद भी फ़ीस जमा नहीं करेंगे वे परीक्षा में बैठने के लिए मान्य नहीं होंगे। इस फ़ैसले पर गोखले ने कहा, 'प्रशासन ने अपने इस निर्णय से छात्रों को केवल फ़ीस भरने की अवधि में रियायत दी है। उन्होंने अतिरिक्त फ़ीस से संबंधित अबतक कोई निर्णय नहीं लिया है।'

बता दें कि इसके पूर्व माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी कुलपति और रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर फीस माफ करने की मांग की थी। विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर फ़ीस जमा करने की अंतिम तिथि 20 जून को तय किया है वहीं 500 रुपए लेट फाइन के साथ छात्र 30 जून तक फ़ीस जमा कर सकेंगे।

मामले पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक राजेश पाठक ने बताया कि विश्वविद्यालय ने 30 जून तक सेमेस्टर फ़ीस जमा करने की अंतिम तिथि तय किया है। फ़ीस जमा करने में असमर्थ छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।