CM शिवराज सिंह के क्षेत्र में चिटफंड कंपनी ने गरीबों को लूटा

आदिवासियों को पैसे नहीं मिले तो मुख्‍यमंत्री निवास पर धरने पर बैठेंगे वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह

Publish: Jun 11, 2020, 05:26 AM IST

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के क्षेत्र बुधनी में 'सांई प्रसाद प्रॉपर्टीज' नामक एक चिटफंड कम्पनी ने आदिवासी किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। चिटफंड कम्पनी ने आदिवासी किसानों से निवेश के नाम पर पहले रुपए जमा करवाए, लेकिन जब किसानों ने अपने पैसे मांगे तो चिटफंड कम्पनी आदिवासी किसानों का पैसा लेकर फरार हो गई। बुधनी के गरीब आदिवासी किसानों की शिकायत पर पूर्व मुख्‍यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मांग की है कि वे एसआईटी गठित कर मामले की जांच करवाएं और गरीबों को उनका पैसा वापस दिलवाएं। यदि बुधनी क्षेत्र के आदिवासी किसानों के हित में कार्रवाई नहीं होगी तो कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पीड़ित आदिवासी परिवारों के साथ मुख्‍यमंत्री निवास पर धरने पर बैठेंगे।

गौरतलब है कि मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में 2012 में सीहोर ज़िले के अन्तर्गत आने वाले नसरुल्लागंज तहसील में सरकार ने ' घोघरा जलाशय ' बनाने का निर्णय लिया लिया था। इसके एवज में सरकार ने किसानों की जमीन अधिग्रहित कर प्रति एकड़ 2 लाख रुपए देने का मुआवजा दिया था। इसके बाद 'सांईं प्रसाद प्रॉपर्टीज' नामक एक चिटफंड कम्पनी ने आदिवसी किसानों को दिए गए मुआवजे से निवेश के नाम पर पैसे जमा करवाए। चिटफंड कंपनी ने किसानों का पैसा गबन कर दिया।

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह जब नसरुल्लागंज तहसील के गांवों के दौरे पर गए तो छले गए आदिवासी किसानों ने उन्‍हें अपनी पीड़ा कह सुनाई। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिस समय आपके विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी किसानों के साथ लूट चल रही थी तब भी आप मुख्यमंत्री थे, आज जब न्याय की तलाश में ये किसान भटक रहे है आप पुनः मुख्यमंत्री है। इस दौरान बीच की अवधि में कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने युवा किसान नेता अर्जुन आर्य ने "आदिवासी किसान लूट कांड" का मामला उठाया था। तब कमलनाथ ने वर्षों से भटक रहे आदिवासी किसान परिवारों की ओर से लूट करने वाली कंपनी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी।

आश्‍चर्य है कि गरीब किसानों को जमीन के बदले जमीन नहीं दे सके

दिग्विजय सिंह ने कहा कि आश्चर्य है कि आपकी विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी और कमजोर वर्ग के परिवार जमीन डूब में आने से बेघर हो गये और आप उन्हें जमीन के बदले जमीन नहीं दिला सके। जबकि मेरे मुख्यमंत्री काल में हमने किसी भी किसान की जमीन अधिग्रहित करने पर "जमीन के बदले जमीन देने की नीति बनाई थी। आप की नाक के नीचे गरीब आदिवासी परिवार भूमिहीन हो गये है। आपके तत्कालीन और पुनः अभी-अभी कैबिनेट मंत्री बने कमल पटेल की विधानसभा क्षेत्र में एक बहुत बड़ी फर्जी संस्था 'सांई प्रसाद प्रापर्टीज’ के नाम से चल रही थी। इस कंपनी के एजेंटस को बड़े-बड़े स्थानीय नेताओं का संरक्षण प्राप्त था। ये एजेंट हरदा से बुधनी विधान सभा की नसरूल्लागंज तहसील में आते थे। उन गरीब आदिवासी किसानों के साथ लूट करते थे जिन्हे अपनी डूब में आई जमीन के लिये लाखो रूपये मुआवजे के रूप में मिले थे। बड़ा आश्चर्य है कि आपके मुख्यमंत्री रहते आपके कथित रूप से सबसे करीब अनुसूचित जाति, जनजाति और कमजोर वर्ग के किसान रोजाना लुटते रहे और आपके शासन, प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। इस कंपनी के एजेंट 6 साल में जमा लाखों रूपयों को दुगना करने का झांसा देकर रूपये हड़पते रहे और बैंक सहित पुलिस, प्रशासन को कोई खबर नहीं लगी।

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सभी आरोपी फरार, अब कीजिए कार्रवाई

दिग्विजय सिंह ने लिखा है कियह जांच का विषय है कि आपकी बुधनी विधानसभा जिसका आप 1990 से लोकसभा और विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे है, आपके मुख्यमंत्री रहते हुये कैसे करोड़ो रूपये लूट लिये गये और शासन, प्रशासन सब कुछ जानते हुये भी मूक बना रहा। आप पुनः चौथी बार मुख्यमंत्री बने है और बात-बात पर आदिवासियों के हितों की दुहाई देते रहे है। उन पर अत्याचार होने पर भोपाल लाकर धरना देने की नौटंकी भी आपने गत वर्ष की थी। उस समय आप विपक्ष में थे और घड़ियाली आंसू बहाने का प्रपंच कर रहे थे, जिसमें आपको महारथ हासिल है। आपको आपके ही क्षेत्र के गरीब आदिवासी किसानों की लूट की जानकारी और उससे संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति में आपकी ओर संलग्न कर भेज रहा हूँ। मैं उम्मीद करूंगा की आप जितने भी किसान मजदूर सांई प्रसाद कंपनी के हाथों प्रदेश में लूट का शिकार बने है, उनको ब्याज सहित राशि वापस दिलवाने के लिये सख्त कार्यवाही करायेंगे। अभी तक सभी आरोपी फरार हैं। पुलिस किसी भी संचालक को पकड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।

दफ्तरों पर छापे डाले, कंपनी की जमीन बेचें

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आदिवासी किसानों की पीड़ा बताते हुए कहा है कि साईं प्रसाद कंपनी से जुड़े चालकों, धोखेबाज एजेंटों को तत्काल गिरफ्तार किया जाये। उनके दफ्तर पर छापा डाला जाये, ताकि यह पता चल सके कि प्रदेश में कितने गरीद इस चिटफंड कंपनी का शिकार चक्कर बर्बाद हो गये है। इस कंपनी के पास सीहोर जिले में सौ एकड़ से अधिक जमीन है। यदि यह सही है तो कंपनी की जमीन नीलाम कर किसानों को उनके रुपये वापस दिये जाये। उन नेताओं के नाम भी बेनकाब हो जो नसरुल्लागंज सहित अन्य शहरों में कंपनी एजेंटों को संरक्षण देकर पुलिस कार्यवाही से बचा रहे थे। घोघरा बांध के कारण भूमि अधिग्रहण किये जाने से भूमिहीन हो गये किसानों को खजाना जमीन के पट्टे दिये जाये। जो किसान मुआवजे की लूट का शिकार हुए है। उन्हें कंपनी की प्रापर्टी जब्त कर उनकी पाई-पाई वापस दिलाई जाये। इस मामले में एस.आई.टी. गठित कर जांच कराई जाये, यह घोटाला हरदा, सीहोर के अतिरिक्त कई अन्य जिलों में संभावित है। दिग्विजय सिंह ने 7 बिन्दुओं पर तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि की गई कार्रवाई की जानकारी उन्‍हें भी दी जाए। सिंह ने कहा है कि यदि बुधनी क्षेत्र के आदिवासी किसानों के हित में कार्रवाई नहीं होगी तो पीड़ित आदिवासी परिवारों के साथ वे खुद मुख्‍यमंत्री निवास पर धरने पर बैठेंगे।

क्‍या है दिग्विजय सिंह की मांग

  • घोघरा बांध के कारण भूमि अधिग्रहण किए जाने से भूमिहीन किसानों को उपजाऊ ज़मीन के पट्टे दिए जाए।
  • जो किसान मुआवजे का शिकार हुए हैं उन्हें कम्पनी की प्रॉपर्टी ज़ब्त कर पाई पाई वापस लौटाई जाए।
  • इस मामले एसआईटी गठित कर जांच कराई जाए। यह घोटाला हरदा, सीहोर के अलावा कई अन्य ज़िलों में भी संभावित है।
  • चिटफंड कम्पनी के एजेंटों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
  • संगठित रूप से लूट का शिकार हुए किसानों की ओर से पृथक-पृथक एफआईआर दर्ज की जाए।
  • पुलिस प्रकरण में एट्रोसिटी एक्ट की धाराएं लगाई जाए क्योंकि लूट का शिकार होने वाले किसानों में अधिकतर आदिवासी समुदाय के हैं।
  • चिटफंड कम्पनी का मुख्यालय गोवा में है। तथा अंतरराज्यीय मामला होने से गोवा की भाजपा सरकार से कम्पनी के खिलाफ जांच करने की सिफारिश की जाए