450 रुपए में गैस सिलेंडर, लाडली बहनों को मिलेंगे 1,250 रुपए प्रतिमाह, CM शिवराज का बड़ा चुनावी दांव

बढ़े हुए बिजली के बिल की वसूली नहीं होगी। सितंबर में बढ़े हुए बिजली के बिल जीरो हो जाएंगे। गरीबों का बिजली का बिल केवल 100 रुपए हो जाएगा, चुनाव पूर्व सीएम शिवराज का बड़ा ऐलान

Updated: Aug 27, 2023, 03:32 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव से पूर्व मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। शनिवार को सीएम चौहान ने प्रदेशवासियों को बड़ा प्रलोभन देते हुए घरेलू गैस सिलेंडर का दाम 450 रुपए करने का ऐलान किया। साथ ही कहा कि अब लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं के खाते में 1250 रुपये दिए जाएंगे।

भोपाल के जंबूरी मैदान में रविवार को लाड़ली बहना सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस सम्मेलन में शामिल हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'सावन के इस महीने में रसोई गैस 450 रुपए में तुम्हारा भैया दिलवाएगा। इसके बाद परमानेंट व्यवस्था बनाएंगे, ताकि महंगी गैस न लेनी पड़ी। आज सिंगल क्लिक से तुम्हारे बैंक खातों में राखी के लिए 250 रुपए डाल रहा हूं। 10 सितंबर को फिर 1 हजार रुपए डाले जाएंगे। अक्टूबर से अब बहनों के खातों में 1250 रुपए डाले जाएंगे।'

सीएम चौहान ने आगे कहा, 'बढ़े हुए बिजली के बिल की वसूली नहीं होगी। सितंबर में बढ़े हुए बिजली के बिल जीरो हो जाएंगे। गरीबों का बिजली का बिल केवल 100 रुपए हो जाएगा। दूर-दराज के जिन मजरे और टोले में बिजली नहीं है, वहां अब 20 मकान की कोई बस्ती है तो वहां बिजली लेकर जाएंगे। इसके लिए 900 करोड़ की व्यवस्था की है।'

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'मध्य प्रदेश के हर थाने में महिला डेस्क के साथ पर्याप्त मात्रा में बेटियों को पुलिस के रूप में रखेंगे। पुलिस में बेटियों के लिए 30% आरक्षण को बढ़ाकर 35% किया जाएगा। शिक्षकों की भर्ती में 50% बेटियां भर्ती होंगी। बाकी जितनी भी नौकरियां हैं, उनमें भी 35% भर्ती बेटियों की जाएगी। कई पद ऐसे होते हैं, जिनमें सरकार नियुक्तियां करती है। हम तय कर रहे कि कम से 35% नियुक्तियां महिलाओं की होगी। नॉमिनेटेड पोस्ट पर बहनों को भी नियुक्त करूंगा।'

सीएम शिवराज ने आगे कहा कि, 'प्रदेश में नशे पर अंकुश लगाया जाएगा। जहां आधी से ज्यादा बहनें चाहेंगी, वहां अगले साल से शराब दुकान बंद कर दी जाएंगी। मैं धर्म का भेद नहीं करता। सारी बहनें, मेरी बहनें हैं। चाहे कोई जाति की हो, हिंदू हो या मुसलमान हो, मुझे फर्क नहीं पड़ता। हमारे देश में प्रारंभ से मां-बहनों का सम्मान रहा। लेकिन, गुलामी का काल ऐसा आया, जिसमें बहन-बेटियों के साथ न्याय नहीं हुआ। समाज पुरुष प्रधान हो गया।'