MP पुलिस का थर्ड डिग्री टॉर्चर, चोरी के शक में आदिवासी युवक को पीट-पीटकर मार डाला, गुस्साए लोगों ने थाने में मचाया बवाल

चोरी-डकैती के शक में पुलिस ने किया था गिरफ्तार, बीते रात युवक की हुई मौत, थाने पर दिखा ग्रामीणों का आक्रोश, कांग्रेस ने मध्य प्रदेश पुलिस की क्रूर तालिबानी आतंकियों से की तुलना

Updated: Sep 07, 2021, 10:01 AM IST

खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन से पुलिसिया बर्बरता की रूह कंपाने वाली खबर सामने आई है। यहां पुलिस हिरासत में एक आदिवासी युवक की मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस बीते दो दिनों से उसकी बेरहमी से पिटाई कर रही थी, जिसके बाद उसने दम तोड़ दिया। पुलिस के मुताबिक मृतक को दो दिन पहले डकैती करने के शक में थाने लाया गया था।

मध्य प्रदेश कांग्रेस नेता अरुण यादव ने इस घटना के बाद मध्य प्रदेश पुलिस की तुलना क्रूर तालिबानी आतंकियों से की है। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा है कि यह घटना दुःखद और निंदनीय है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस घटना के उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन दिन पहले खरगोन जिले की बिस्टान पुलिस ने चोरी-डकैती के शक में 12 लोगों को गांव से उठा लिया था। इन 12 लोगों में 35 वर्षीय बिसेन नाम का आदिवासी युवक भी शामिल था। बीती देर रात उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक पुलिस द्वारा चार लोगों की बुरी तरह पिटाई की गई जिससे वे अधमरा हो गए। मामला बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जिसमें बिसेन की मौत हो गई। 

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ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बिसेन चोरी-डकैती जैसी घटनाओं में शामिल रहने वाला युवक नहीं था, बल्कि व बेहद सीधा इंसान था। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस बेवजह आदिवासियों को परेशान करने के लिए गांव से 12 लोगों को उठा ले गयी है। इधर बिसेन की मौत की घटना के बाद पुलिस को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा है। 

बताया है रहा है कि मंगलवार सुबह बिसेन की मौत की खबर जैसे ही गांव वालों को लगी वे आक्रोशित हो गए। इसके बाद गांव के सभी लोग उठकर थाने पहुंचे और जमकर बवाल काटी। ग्रामीणों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े जिसके बाद ग्रामीण और आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों ने थाने पर न केवल पथराव किया बल्कि अंदर घुंसकर तोड़फोड़ भी की और पुलिसवालों की भी पिटाई की। पुलिस का कहना है कि इस दौरान एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए।