खरगोन में चयनित शिक्षकों का अनूठा प्रदर्शन, दंडवत देकर मांगा नियुक्ति का अधिकार
दंडवत करते हुए कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचे शिक्षक, दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू करने की मांग, 2018 में शुरू हुई प्रक्रिया अब तक अटकी

खरगोन। मध्य प्रदेश में एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन का अनूठा तरीका देखने को मिला है। इस बार खरगोन में नियुक्ति का इंतज़ार कर रहे चयनित शिक्षकों ने अपनी तकलीफ का इज़हार करने के लिए प्रदर्शन का अलग ही तरीका आजमाया। मध्य प्रदेश चयनित शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक भूतेश चंद्र हिरवे दंडवत प्रणाम करते हुए रैली के रूप में डीएम कार्यालय पहुंचे और शिक्षकों को जल्द नियुक्ति देने की मांग की।
प्रदेश के चयनित शिक्षकों का यह अनोखा विरोध प्रदर्शन चर्चा में है। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने इसे साझा कर सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, 'ये मध्यप्रदेश के चयनित शिक्षक हैं, जो संविधान की हत्या के जरिए सत्ता पर काबिज हुई भाजपा सरकार से अपने अधिकार मांग रहे हैं।'
ये मध्यप्रदेश के चयनित शिक्षक हैं, जो संविधान की हत्या के जरिए सत्ता पर काबिज हुई भाजपा सरकार से अपने अधिकार मांग रहे हैं। pic.twitter.com/oMbAgRlVrn
— Kunal Choudhary (@KunalChoudhary_) February 7, 2021
प्रदर्शन में शामिल चयनित शिक्षकों ने बताया कि राज्य की शिवराज सरकार ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पूर्व स्कूल शिक्षा विभाग और जनजाति विभाग द्वारा संयुक्त पात्रता परीक्षा करवाई थी। इसके बाद उच्च माध्यमिक शिक्षक के 19,220 और माध्यमिक शिक्षक के 11,374 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। सितंबर 2019 में चयनित शिक्षकों का परिणाम आया, लेकिन जुलाई 2020 में कोरोना के चलते सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं होने का कारण बताकर प्रक्रिया को रोक दिया गया। प्रदेश के हजारों चयनित शिक्षक एक साल से परेशान हैं, लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
संस्कृत में सौंपा ज्ञापन
चयनित शिक्षकों ने इस दौरान संस्कृत भाषा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। संस्कृत में ज्ञापन देने का कारण भी बेहद दिलचस्प है। चयनित शिक्षकों ने बताया कि इसके पहले वे हिंदी और अंग्रेजी भाषा में सरकार को ज्ञापन दे चुके हैं। लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ। इसलिए हमने सोचा कि शायद संस्कृत भाषा सरकार को समझ आ जाए। बता दें कि ये भर्तियां 14 से अधिक विषयों में होनी है जिनमें एक संस्कृत भी है।