MP में फिर से होगा पंचायतों का परिसीमन, विवेक तन्खा ने बताया चुनाव में विलंब करने की पेंच

साल 2019 में हुए परिसीमन को शिवराज सरकार ने किया निरस्त, अब नए सिरे से होगा जिला-जनपद व ग्राम पंचायतों का परिसीमन, लंबा टल सकता है चुनाव

Updated: Dec 31, 2021, 05:58 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
Photo Courtesy: NDTV

भोपाल। पंचायत चुनाव में आरक्षण और परिसीमन को लेकर आलोचना झेल रही शिवराज सरकार ने अब एक नया पेंच फंसा दिया है। राज्य सरकार ने साल 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के दौरान हुए परिसीमन को एक बार फिर समाप्त कर दिया है। अब जिला पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत तक का परिसीमन नए सिरे से किया जाएगा। यानी साफ है कि पंचायत चुनाव को लंबे समय तक के लिए टालने की तैयारी है।

पूर्व में हुए परिसीमन को निरस्त करने के लिए शिवराज सरकार ने एक नया अध्यादेश लागू किया है। इसकी अधिसूचना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने गुरुवार देर शाम जारी की गई है। शिवराज सर द्वारा जारी पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2021 की अधिसूचना में उल्लेखित है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किसी भी कारण से परिसीमन के प्रकाशन की तारीख से 18 माह की अवधि के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है, तो उस परिसीमन व विभाजन को निरस्त माना जाएगा।

यह भी पढ़ें: इंदौर में ओमिक्रोन के एक और मामले की पुष्टि, एक दिन में कोरोना के 43 मामले दर्ज

कांग्रेस ने इसे चुनाव टालने का नया कानूनी पेंच करार दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता व राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा, 'फिर एक अविश्वसनीय कदम। शासन द्वारा पूर्व में हुए परिसीमन एवं विभाजन कार्य के विरुद्ध हाई कोर्ट में चुनौती भी अस्वीकार हो चुकी थी उसे एक बार फिर रद्द कर नए सिरे से परिसीमन करने का संशोधन अधिसूचित कर, पंचायत चुनाव में विलम्ब करने की क़ानूनी पेच। क्या भाजपा का न्यायालय के निर्णय से विश्वास उठ चुका है। या भाजपा सरकार का उद्देश कुछ और है। 250 से 300 चुनौती याचिका पिछले परिसीमन और विभाजन के विरुद्ध ख़ारिज हो चुकी है। तो फिर से यह सब लंबी प्रक्रिया क्यों ? क्या हार का डर भाजपा को सता रहा है?'

बता दें कि इससे पहले भी शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के दौरान 2019 को लागू परिसीमन और आरक्षण को समाप्त करने के लिए अध्यादेश लागू किया था। लेकिन इसी महीने 26 दिसंबर को उसे वापस ले लिया था। शिवराज सरकार ने 22 नंवबर को पंचायतों के परिसीमन को निरस्त कर दिया था और सभी जिला, जनपद या ग्राम पंचायतों में पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया था। यानी जो आरक्षण व्यवस्था 2014 में हुए चुनाव के दौरान थे। सरकार के इस फैसले को कांग्रेस ने कोर्ट में चुनौती दी थी। 

यह भी पढ़ें: कर्नाटक निकाय चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका, कांग्रेस ने 501 सीटों पर लहराया परचम

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने इस अध्यादेश को वापस ले लिया था। इसके लिए 26 दिसंबर को रविवार के दिन कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी। इसी दिन राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। लेकिन गुरुवार देर शाम फिर से अधिसूचना जारी कर पूर्व के परिसीमन को निरस्त कर दिया है। जानकार बता रहे हैं कि सरकार के इस कदम से चुनाव एक बार फिर लंबे समय तक टल जाएंगे। 

बता दें कि कमलनाथ सरकार ने सिंतबर 2019 में मध्य प्रदेश में जिले से लेकर ग्राम पंचायतों तक नया परिसीमन कर करीब 1200 नई पंचायतें बनाई थी। इस दौरान 102 ग्राम पंचायतों को समाप्त कर दिया गया था। साथ ही 1950 की सीमा में बदलाव भी किया गया था। हालांकि, सरकार ने इसे अब निरस्त कर दिया है।