सुप्रीम कोर्ट पहुंचा MP पंचायत चुनाव में आरक्षण का मामला, कल होगी कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई

मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार कर लिया, कोर्ट ने कल इस मामले की सुनवाई की तारीख शनिवार की दी है

Updated: Dec 10, 2021, 01:37 PM IST

Photo Courtesy: ABP
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नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर पेंच फंसता जा रहा है। पंचायत चुनाव में आरक्षण और परिसीमन का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। खास बात यह है कि सर्वोच्च अदालत ने इससे संबंधित याचिका को स्वीकार करते हुए कल यानी शनिवार को सुनवाई की तारीख मुकर्रर कर दी है।

दरअसल, गुरुवार को पंचायत चुनाव से जुड़ी सभी याचिकाओं पर जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी। करीब 40 मिनट लंबी बहस के दौरान दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने कहा है कि पंचायत चुनाव पर सरकार का ही निर्णय मान्य होगा।

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हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट के दिग्गज वकील व राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा था कि हम हाईकोर्ट के इस फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती देंगे। इसके बाद आज खबर आई कि सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता सैयद जफर और जया ठाकुर की याचिका को स्वीकार कर लिया है। सर्वोच्च अदालत में मामला जाने के बाद अब माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव पर शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है।

दरअसल, कांग्रेस का कहना है कि चुनाव के नोटिफिकेशन में साल 2014 के चुनाव वाली आरक्षण व्यवस्था लागू की गई है जो पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध है। क्योंकि नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि पांच साल में रोटेशन के आधार पर आरक्षण होगा। सरकार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 14 दिसंबर को आरक्षण करने जा रही है। यह दोहरी व्यवस्था स्पष्ट रूप से नियमों के विपरीत है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग पर दबाव डालकर चुनाव कार्यक्रम घोषित कराया गया है।