CM शिवराज के गृहजिले में किसान ने की आत्महत्या, बैंक कर्ज से था परेशान

मध्य प्रदेश में नहीं रुक रही किसान आत्महत्या की घटनाएं, सीएम शिवराज के गृहजिले सीहोर में बैंक कर्ज से परेशान किसान ने की आत्महत्या

Updated: Nov 17, 2021, 06:19 AM IST

सीहोर। मध्य प्रदेश में किसान आत्महत्या की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। अब सीहोर में कर्ज के बोझ तले डूबे एक किसान ने आत्महत्या कर ली है। खास बात यह है कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का यह ग्रह जिला है।बताया जा रहा है कि मृतक किसान कमल परमार कर्ज में डूबे हुए थे। कर्ज चुका पाने में असमर्थ होने की वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली है।

मामला सीहोर जिले के आष्टा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भंवरा गांव का है। बताया जा रहा है कि 42 वर्षीय किसान कमल परमार पर तीन बैंकों और प्राइवेट फाइनेंसिंग समूह का कर्ज था। बैंककर्मी लगातार उनपर कर्ज चुकाने का दबाव डाल रहे थे। इस कारण वह मानसिक दबाव में थे। किसान ने गांववालों से अपनी जमीन बेचकर कर्ज चुकाने की भी चर्चा की थी, लेकिन जमीन का भी कोई खरीददार नहीं मिला और थक हारकर उन्होंने फांसी लगा ली।

यह भी पढ़ें: प्रेम विवाह से नाराज वहशी पिता ने बेटी को बनाया अपनी हवस का शिकार, फिर गला घोंटकर मार डाला

मृतक के बड़े भाई नारायण परमार के मुताबिक किसान कमल परमार पर जिला सहकारिता, आईसीआईसीआई और देना बैंक का कर्ज था। ICICI बैंक से उन्होंने करीब तीन लाख रुपए और जिला सहकारी बैंक से 62 हजार रुपए लिए थे। किसान ने अपने खेतों में पाइपलाइन बिछाने के लिए कर्ज लिया था। बावजूद फसल नहीं हुई और वह कर्ज के दुष्चक्र में फंसता चला गया।

परिजनों के मुताबिक पिछले साल फसल चौपट हो गई थी, लेकिन उन्हें फसल बीमा का मुआवजा भी नहीं मिल पाया। उधर बैंक से बार-बार कर्ज चुकाने के लिए फोन कॉल आते थे। इसी बात से परेशान होकर रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात उन्होंने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक किसान की तीन बेटी और एक छोटा बेटा है। परिजनों को आस है की सरकार कम से कम इन बच्चों को पालने में कुछ मदद करेगी।

यह भी पढ़ें: क्या स्टेशन का नाम बदलने से होगा आदिवासियों का सम्मान, शिवराज सरकार पर कमल नाथ ने साधा निशाना

किसान की आत्महत्या के लिए किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केदार सिरोही ने सीधे तौर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान को जिम्मेदार बताया है। सिरोही ने कहा, 'शिवराज सरकार की नीतियों से तंग आकर प्रदेशभर के किसान आत्महत्या को मजबूर हैं। कमलनाथ सरकार ने किसानों की कर्जमाफी शुरू की थी। लेकिन खुद को किसान पुत्र बताने वाले शिवराज सिंह चौहान से किसानों की खुशी देखी नहीं गई। उन्होंने खरीद फरोख्त कर सरकार गिरा दी। अब वे कॉरपोरेट के दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए हर रोज किसानों की बलि दे रहे हैं। शिवराज जी कम से कम अपने गृह जिले के किसानों का दुख दर्द ही देख लिया होता।'