अजब MP के गजब किस्से, रातों-रात चोरी हुई 1 किमी लंबी सड़क, ग्रामीणों ने की थाने में शिकायत

मध्यप्रदेश के सीधी में सड़क चोरी होने की अनोखा मामला, ग्रामीणों का दावा दिनभर थी सड़क, रातों-रात हुई गायब, सुबह देखा तो वहां सड़क के निशान तक नहीं मिले

Updated: Jul 02, 2021, 02:07 PM IST

सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां ग्रामीणों का आरोप है कि अज्ञात चोरों ने एक किलोमीटर लंबी सड़क को चुरा लिया। ग्रामीणों के मुताबिक दिनभर सड़क अपने स्थान पर थी, लेकिन रातों-रात चोरी की घटना हुई और अगले सुबह उस स्थान पर सड़क का कोई सुराग भी नहीं मिला। स्थानीय लोगों का दावा है कि आसपास के इलाकों में उन्होंने सड़क को ढूंढने का काफी प्रयास किया लेकिन वे असफल रहे। ग्रामीणों ने अब थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

मामला सीधी जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर मेंडरा ग्रामपंचायत का है। स्थानीय लोगों के मुताबिक वार्ड क्रमांक-15 में एक सड़क शाम तक बनी थी जो सुबह चोरी हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक यह सड़क साल 2017 में 10 लाख रुपए की लागत से बनी थी। इसके पहले यहां मुरम वाली कच्ची सड़क थी जिसे 10 लाख रुपए की लागत से सीसी यानी कंक्रीट सड़क बनाया गया था।

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सड़क चोरी होने की घटना की पुष्टि ग्राम पंचायत के उप सरपंच रमेश कुमार यादव ने भी की है। उप सरपंच ने कहा कि, 'रात तक गांव में सड़क बनी हुई थी और उसपर आवागमन भी जारी था। सड़क बनाई भी मजबूती से गई थी। रात को मैं भी इस सड़क से गुजरा तब वह बिल्कुल ठीक थी। लेकिन सुबह ज  आंख खुली तो अचानक वहां से एक किलोमीटर लंबी पूरी कंक्रीट सड़क गायब थी। जिस जगह पर सड़क बनाई गई थी वहां इसका कोई निशान तक नहीं था। मैं इस घटने के बाद खुद हैरान हूं। जरूर किसी शातिर चोर ने इस सड़क को चुराई है।' 

सड़क गायब होने का मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। उधर जनपद पंचायत मझौली के सीईओ एम.एल प्रजापति भी इस घटना से परेशान हैं।प्रजापति ने कहा कि, 'इस तरह का मामला मुझे जीवन में पहली बार सुनने को मिला है। मैं हाल ही में यहां नियुक्त हुआ हूं और मुझे मामले की स्पष्ट जानकारी नहीं है। हम मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं जिसके बाद ही तथ्य सामने आएंगे।' हालांकि उनका कहना है कि गांव वालों ने सड़क के चोरी होने की जो शिकायत दर्ज कराई है उसे चोरी कहना ठीक नहीं होगा।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पूरा मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि यह सड़क जो चोरी हुई वह असल में कभी बनी ही नहीं थी। उसे महज कागजों पर बना दिया गया था। गांव वालों को इस कागजी सड़क के बारे में जब जानकारी मिली तब उन्होंने आपस में बातचीत कर सड़क चोरी की शिकायत करने का प्लान बनाया। ताकि जब इसकी उच्चस्तरीय जांच हो तब इस बात का खुलासा हो सके कि 10 लाख रुपए जो सड़क बनाने के लिए साल 2017 में आवंटित हुए थे वहां सड़क कभी बनी ही नहीं और ठेकेदारों ने पैसे हड़प लिए। बहरहाल अब देखना यह होगा कि इस सड़क चोरी के मामले में प्रशासनिक जांच के बाद क्या निष्कर्ष निकलता है।