मध्य प्रदेश में अब हिंदी में पढ़ाई जाएगी डॉक्टरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने की घोषणा

विश्वास सारंग ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराए जाने पर विचार कर रही है सरकार, कमेटी गठित कर तैयार किया जाएगा पाठ्यक्रम

Updated: Sep 14, 2021, 10:26 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार का प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने पर ध्यान भले न हो लेकिन भाजपा शासित सरकार पर शिक्षा व्यवस्था में अपने एजेंडे को थोपने का आरोप अमूमन लगते रहता है। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने अब यह तय किया है कि प्रदेश में अब डॉक्टरी की पढ़ाई हिंदी में कराई जाएगी। इसकी जानकारी खुद सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने दी है।     

विश्वास सारंग ने कहा है कि सरकार मध्य प्रदेश में मेडिकल पढ़ाई हिंदी में कराने पर विचार कर रही है। विश्वास सारंग ने कहा कि इसकी रुपरेखा तैयार करने के लिए जल्द ही एक कमेटी का गठन किया जाएगा। जो कि पाठ्यक्रम के लिए मॉड्यूल तैयार करेगी। भाजपा नेता ने कहा कि कमेटी जो सुझाव देगी उस पर सरकार अमल करेगी। हालांकि हिंदी में पढ़ाई कब से शुरु होगी इसकी समयसीमा के बारे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कोई जानकारी नहीं दी।  

चिकित्सा शिक्षा मंत्री की तरफ इस घोषणा पर विवाद बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। विश्वास सारंग ने हिंदी में पाठ्यक्रम को शुरु करने को लेकर यह दलील दी है कि हिंदी में पढ़ाई शुरु करने से छात्रों को आसानी होगी। जबकि ज़मीनी हकीकत यही है कि मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरु करने से छात्रों को और कठिनाई ही होगी। 

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कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई की मेडिकल विंग के कॉर्डिनेटर रवि परमार ने कहा है कि एक तरफ राज्य में मेडिकल की पढ़ाई सुचारु रूप से चल नहीं  रही है, दूसरी तरफ सरकार हिंदी में छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई करने पर मजबूर करने की तैयार कर रही है। रवि परमार ने कहा कि मेडिकल के तमाम टर्म अंग्रेज़ी में होते हैं। एक डॉक्टर भी अंग्रेज़ी में ही दवाईयों के नाम लिखकर देता है। मेडिकल ऐसी पढ़ाई है, जो कि अंग्रेज़ी भाषा में ही सहज है। हर मामले में सरकार को अपना एजेंडा थोपने से बाज़ आना चाहिए। रवि परमार ने कहा कि सरकार अपना एजेंडा थोपने और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के बनिस्बत प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने पर ध्यान देना चाहिए। परमार ने कहा कि जल्द ही एनएसयूआई की मेडिकल विंग चिकित्सा शिक्षा मंत्री के इस बयान का विरोध में सड़कों पर उतरेगी।  

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हालांकि यह पहली बार नहीं है जब चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और राज्य सरकार पर ऐसे आरोप लगे हों। इसी महीने की शुरुआत में विश्वास सारंग ने यह घोषणा की थी कि एमबीबीएस के छात्रों को अब हेडगेवार और दीनदयाल उपाध्याय के बारे में पढ़ाया जाएगा। संघ और भाजपा से जुड़े नेताओं को छात्रों और खासकर मेडिकल के छात्रों को पढ़ाए जाने को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार की आलोचना की थी। वहीं इस मामले में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी इस मामले में विश्वास सारंग से कमतर नहीं हैं। मोहन यादव ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि अब प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कुलगुरु से संबोधित किया जाएगा। वहीं बीए के पाठ्यक्रम में वेद-पुराणों पढ़ाई शुरु किए जाने की भी घोषणा मोहन यादव ने की है।