MP के कॉलेजों में होगी वेद-पुराणों की पढ़ाई, शिक्षा मंत्री बोले- बुरी शक्तियों से धर्म को बचाने के लिए है जरूरी

मध्य प्रदेश के कॉलेजों में अब छात्र रामचरितमानस, महाभारत और वेद पुराणों की शिक्षा लेंगे, कांग्रेस ने कहा है कि सांप्रदयिक सद्भाव विकसित करने के लिए छात्रों को बाइबिल, कुरान और गुरुग्रंथ साहिब भी पढ़ाया जाए

Updated: Sep 13, 2021, 11:12 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के कॉलेजों में अब हिंदू धर्म की पढ़ाई होगी। यहां उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों को वेद, पुराण, उपनिषद, महाभारत और रामचरितमानस की शिक्षा दी जाएगी। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने खुद इस बात की जानकारी दी है। हालांकि, धर्म की पढ़ाई छात्रों को रोजगार दिलाने के मकसद से नहीं बल्कि बुरी शक्तियों से धर्म को बचाने के लिए है।

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा है की भविष्य में बुरी शक्तियां धर्म को नुकसान ना पहुंचा पाए इसलिए नैतिक और धार्मिक शिक्षा देना जरूरी है। इस संबंध में नए पाठ्यक्रम तैयार करने का आदेश भी उच्च शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है। मोहन यादव के मुताबिक कॉलेजों में बीए फर्स्ट ईयर में दर्शनशास्त्र में नया पाठ्यक्रम जोड़ा जाएगा। छात्रों को दर्शनशास्त्र वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा।

यह भी पढ़ें: MBBS के सिलेबस पर विवाद, कमलनाथ बोले, देश के स्वर्णिम इतिहास में हेडगेवार-दीनदयाल का कोई योगदान नहीं

शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति गर्म हो गई है। विपक्ष ने बीजेपी सरकार पर अपना एजेंडा थोपने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने कहा है कि हमें गीता, रामचरितमानस या महाभारत पढ़ाए जाने से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन छात्रों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव विकसित करने के लिए उन्हें बाइबिल, कुरान और गुरुग्रंथ साहिब भी पढ़ाया जाना चाहिए।

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी सभी ग्रंथों को शामिल करने की वकालत की है। आरिफ मसूद ने कहा है कि अगर आपकी नियत अच्छी है तो सभी धर्मों को पढ़ाया जाए। और यदि नियत बांटने की है तो शिक्षा के क्षेत्र में यह सही नहीं है। बता दें कि हाल ही में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा था कि मेडिकल स्टूडेंट्स को हेडगेवार और दीन दयाल उपाध्याय की जीवनी पढ़ाई जाएगी।