पीएचडी करनेवालों पर विवादित बयान देकर पचड़े में पड़े मोहन यादव, कांग्रेस ने की बर्खास्त करने की मांग

मोहन यादव ने कहा था कि राजनेता से लेकर कुलपति तक कॉपी करके पीएचडी करते हैं, कांग्रेस ने अब मोहन यादव की पीएचडी डिग्री की जांच कराने की मांग कर दी है

Updated: Apr 28, 2022, 03:42 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव पीएचडी डिग्रीधारियों के संबंध में दिए विवादित बयान को लेकर घिर गए हैं। कांग्रेस पार्टी ने उच्च शिक्षा मंत्री की ही पीएचडी की जांच कराए जाने की मांग कर दी है। इसके साथ ही जांच जारी रहने तक मोहन यादव को मंत्री पद से बर्खास्त करने की भी मांग कांग्रेस पार्टी ने की है। 

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने मोहन यादव के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस की मांग है कि उच्च शिक्षा मंत्री की पीएचडी की जांच हो। जांच होने तक उन्हें विभाग से हटाया जाना चाहिए क्योंकि मंत्री जी खुद ही कह रहे हैं कि राजनेता अपनी पीएचडी कॉपी कर के जमा करते हैं। मंत्री खुद ही अपने विभाग की पोल खोल रहे हैं। 

दरअसल राजधानी भोपाल में आयोजित दो दिवसीय पीएचडी संगोष्ठि कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव शिरकत करने आए थे। इसी दौरान मोहन यादव ने पीएचडी और इस डिग्री को लेने वाले लोगों के संबंध में विवादित बयान दे डाला। 

मोहन यादव ने कहा कि उन्हें पता है कि लोग कैसे पीएचडी करते हैं। यादव ने कहा कि लोग जानते हैं कि पीएचडी कैसे होती है। कहीं से कॉपी कर के या किसी से लिखवा कर कॉपी जमा करवा दो। मोहन यादव यहीं नहीं रुके, उन्होंने राजनेताओं और विश्वविद्यालय के कुलपतियों को भी लपेटे में ले लिया। मोहन यादव ने कहा कि राजनेताओं और कुलपतियों पर भी कॉपी कर के पीएचडी करने के आरोप लगते रहते हैं। 

जिस समारोह में मोहन यादव ने यह बयान दिया उसमें लगभग 250 पीएचडी स्कॉलर और तीस से अधिक शैक्षिक संस्थाओं ने हिस्सा लिया है। ऐसे में मोहन यादव के इस बयान से विवाद खड़ा हो गया है। विवाद खड़ा होने के साथ साथ मोहन यादव ने अपने ही विभाग की पोल भी खोल दी है। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने मोहन यादव के इस विवादित बयान के बाद उनके ऊपर कार्रवाई करने की मांग की है।