MP विधानसभा का मॉनसून सत्र तीन दिन में ही समाप्त, बिना चर्चा ही पास हुए कई विधेयक

विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र तीसरे दिन ही समाप्त हो गया। विपक्ष के हंगामे के बीच गुरुवार को विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। इतना ही नहीं बिना चर्चा किए 9 हजार करोड़ से अधिक का बजट भी पास हो गया।

Updated: Sep 15, 2022, 02:13 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र तीसरे दिन ही समाप्त हो गया। विपक्ष के हंगामे के बीच गुरुवार को विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। सदन में भारी हंगामे के बीच गुरुवार को बजट और विधेयक भी पास हुए। सदन में चर्चा के बगैर ही 9 हजार 784 करोड़ से अधिक का बजट पास हो गया और 11 संशोधन विधेयक पास हो गए।

बता दें कि 13 सितंबर से शुरू हुए इस पांच दिवसीय सत्र को 17 सितंबर तक चलना था। इस दौरान कुल पांच बैठकें होनी थी, लेकिन यह तीसरे दिन में ही भोजनावकाश से पहले समाप्त हो गया। इन तीन दिनों में सदन मात्र करीब पांच घंटे ही चला। उसमें भी अधिकांश समय राज्य में हुए पोषण आहार घोटाले और कांग्रेस विधायक के साथ अभद्रता को लेकर हंगामा होता रहा।

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नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से पोषण आहार योजना में कथित अनियमितताओं पर CAG की रिपोर्ट पर 15 कांग्रेस सदस्यों द्वारा दो दिन पहले दिये गये स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की। अन्य कांग्रेस विधायकों ने उनकी मांग का समर्थन किया। लेकिन सरकार चर्चा करने से बचती नजर आई। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक दिन पहले ही पोषण आहार योजना के इस मुद्दे पर अपन बयान सदन में दे चुके हैं।

गुरुवार को कांग्रेस के आदिवासी विधायक पांचीलाल मेढा अपनी शर्ट की बटने खोलकर यह कहते हुए आसंदी के पास आ गए कि विधानसभा के द्वार पर सुरक्षा कर्मियों द्वारा उनके साथ किये गये दुर्व्यवहार के लिए वह न्याय चाहते हैं। मेढा ने दावा किया कि उन्हें सुरक्षा कर्मियों ने विधानसभा परिसर के प्रवेश द्वार पर रोका था और हाथापाई की थी, जिससे उसके हाथ में चोट भी आई। इसके बाद, विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायक भी आसंदी के सामने आ गए और हंगामा करने लगे। नतीजतन विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।