MP: विजयपुर उपचुनाव को लेकर भोपाल में कांग्रेस का प्रदर्शन, अंबेडकर की प्रतिमा खंडित करने वालों पर कार्रवाई की मांग

कांग्रेस ने मंगलवार को भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में हुई अनियमितता और वहां बीआर अंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया।

Updated: Nov 19, 2024, 06:13 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के विजयपुर में हुए उपचुनाव में जमकर हिंसा और हंगामा हुआ। अब 23 नवंबर को वोटों की मतगणना होना है। कांग्रेस पार्टी ने 37 बूथों रिपोलिंग की मांग की थी। इसे चुनाव आयोग ने स्वीकार नहीं किया। पार्टी ने 40 शासकीय कर्मचारियों को काउंटिंग ड्यूटी से हटाने की भी मांग की है। इसपर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब कांग्रेस ने मंगलवार को राजधानी भोपाल में प्रदर्शन किया है।

कांग्रेस ने मंगलवार को भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में हुई अनियमितता और वहां बीआर अंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने की घटना के विरोध में  प्रदर्शन किया। इस दौरान नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने एमपी नगर एसडीएम एलके खरे को ज्ञापन भी सौंपा।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 13 नवंबर को हुई वोटिंग के दौरान बीजेपी नेताओं, कार्यकर्ताओं और असामाजिक तत्वों ने अनुचित तरीके से मतदान को प्रभावित करने का काम किया है। इनके द्वारा हिंसक वारदातों को अंजाम दिया गया और रात में इस विधानसभा के गोहटा गांव में दलित बस्ती में तोड़फोड़ की गई। आगजनी करने के साथ यहां फसलों को नुकसान पहुंचाया गया और गांव में स्थापित बीआर अंबेडकर की प्रतिमा को खंडित किया गया। इस गांव में दहशत का ऐसा माहौल बनाया गया कि लोग थाने में शिकायत करने जाने तक में डर रहे थे।

राज्यपाल के नाम एसडीएम को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस के महामंत्री अवनीश भार्गव, भोपाल जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष अनोखी मान सिंह और अन्य नेताओं ने कहा कि, आदिवासी अंचल और जाटव समाज द्वारा बीजेपी के प्रत्याशी के पक्ष में खुलकर प्रचार नहीं किया गया। ऐसे में अपने पक्ष में माहौल न बनता देख बीजेपी के गुंडों ने इस अंचल में तोड़फोड़ की और नुकसान पहुंचाया। 

कांग्रेस ने राज्यपाल के माध्यम से अंबेडकर प्रतिमा खंडित करने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि, गोहटा गांव के लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाए। यह भी व्यवस्था बनाई जाए कि प्रदेश में अन्य स्थानों पर इस तरह की घटनाएं न हों ताकि कमजोर और सुविधा से वंचित आदिवासी समाज के लोग निर्भीक होकर जीवन यापन कर सकें।