MP: जबलपुर हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की हड़ताल को बताया अवैध, काम पर लौटने के दिए निर्देश

हड़ताल पर हैं मध्य प्रदेश के 15 हजार शासकीय डॉक्टर्स, जबलपुर हाईकोर्ट ने हड़ताल को बताया अवैध, मांगें पूरी होने तक डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म नहीं करने के दिए संकेत

Updated: May 03, 2023, 11:00 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के 15 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर बुधवार से हड़ताल पर चले गए। हड़ताल का असर भोपाल, इंदौर समेत पूरे प्रदेशभर में दिखाई दे रहा है। इसी बीच जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले पर अर्जेंट सुनवाई करते हुए डॉक्टरों के हड़ताल को अवैध करार दिया है। साथ ही हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों को तत्काल काम पर लौटने का निर्देश भी दिया है।

जानकारी के मुताबिक जबलपुर के पूर्व पार्षद इंद्रजीत कुंवर पाल सिंह ने लगाई थी। जिस पर चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल पर बैठे सभी डॉक्टर तत्काल काम पर लौटे। न्यायालय ने कहा कि डॉक्टर अस्पताल में मौजूद अंतिम मरीज का भी इलाज करें। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि आगे से बिना अनुमति हड़ताल नहीं करें। भविष्य में टोकन स्ट्राइक को भी हाईकोर्ट ने अवैध बताया।

मध्य प्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने मांगे पूरी होने तक हड़ताल खत्म नहीं करने के संकेत दिए हैं। शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ
के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने कहा कि जब तक हमारी मांगों को लेकर आदेश जारी नहीं हो जाते, तब तक पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश पर उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश के संबंध में संगठन पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई है। मीटिंग के बाद ही कुछ फैसला लिया जाएगा।

मालवीय ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'हम पिछले 10 साल से अपने मुद्दों और परेशानियों को लेकर सरकार के पास जा रहे हैं। कभी-कभी तो सरकार के प्रतिनिधि वर्षों तक बात नहीं करते। जब हम आंदोलन करते हैं, तो वो बात करते हैं। हड़ताल खत्म कराने के लिए हर बार आश्वासन का झुनझुना पकड़ा देते हैं।' कांग्रेस ने भी डॉक्टरों की मांग का समर्थन किया है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा है कि शिवराज सरकार जनता का ध्यान भटकाने और डॉक्टरों से वादाखिलाफी करने के बजाए वे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान दें और डॉक्टरों की मांगों पर तत्काल विचार करे।

बता दें कि हड़ताल का असर भोपाल, इंदौर समेत पूरे प्रदेशभर में दिखाई दे रहा है। गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों अस्पतालों के बाहर परेशान होकर भटक रहे हैं। प्रदेश के 12 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भर्ती 228 मरीजों के ऑपरेशन बुधवार को टाल दिए गए हैं। अकेले भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में 32 ऑपरेशन टाले गए हैं।