MP: शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र में बिजली के लिए तरस रहे ग्रामीण, पिछले 12 वर्षों से अंधेरे में कट रही जिंदगी

कहने को तो मध्य प्रदेश विधुत क्षेत्र में सरप्लस स्टेट है, हालांकि जमीनी हकीकत 24 घंटे बिजली के दावों की पोल खोलती हैं, शाजापुर जिले का एक गांव ऐसा भी है जहां पिछले बारह वर्षों से ग्रामीण विद्युतीकरण की बाट जोह रहे हैं।

Updated: Jun 01, 2023, 04:06 PM IST

Photo Courtesy: TV9
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शाजापुर। मध्य प्रदेश विधुत क्षेत्र में सरप्लस स्टेट है। राज्य की सरकार प्रदेशभर में 24 घंटे बिजली देने का दावा करती है। हालांकि, शाजापुर जिले का सालिया-टेकरी गांव इन तमाम दावों को झूठा साबित करने के लिए काफी है। दरअसल, इस गांव में 12 वर्ष पहले बिजली गुल हुई थी और तब से आज दिनांक तक बिजली नहीं आई है।

सालिया टेकरी 15 घरों की छोटी बस्ती है। यह प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का गृह क्षेत्र हैं। बावजूद यहां बिजली के अभाव में छात्र शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 12 वर्ष हो चुके हैं, वे नए ट्रांसफार्मर के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन अभी तक गांव में ट्रांसफार्मर नहीं लगा है।

ग्रामीणों के मुताबिक ट्रांसफर्मर के नाम पर उनसे दो-दो बार 60 से 70 हजार रुपये लिए गए हैं। विद्युत विभाग के अधिकारी दो बार में 1 लाख 30 हजार रुपए की उगाही कर चुके हैं, बावजूद ट्रांसफार्मर की कोई खोज खबर नहीं है। ग्रामीण बिजली की समस्याओं का शिकायत  लेकर सुजालपुर विद्युत मंडल गए थे। ग्रामीणों ने कनिष्ठ अभियंता को ज्ञापन देते हुए गांव में जल्द ही ट्रांसफार्मर लगाने की बात कही।

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ग्रामीण राजा शब्बीर हुसैन ने बताया कि अवंतिपुर बड़ोदिया ग्रेट में लगने वाला गांव सालिया टेकरी के लोग एक दशक से ज्यादा समय बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों को लाइट नहीं मिल रही है, जबकि शासन में बैठे अधिकारी और सरकार कहते हैं कि हमने हर घर में 24 घंटे बिजली पहुंचाई है। लेकिन हकीकत आपके सामने है।

राजा शब्बीर हुसैन ने कहा कि गांव में ट्रांसफार्मर नहीं होने के कारण बच्चे ठीक से पढ़ नहीं पाते और महिलाएं घर का काम नहीं कर पाती हैं। नेता लोग जो कि बड़े-बड़े महलों में आराम से एसी की हवा में बैठे हुए हैं, उनको ग्रामीणों की इन समस्याओं का निराकरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी नेता या अधिकारी के घर दो पल के लिए लाइट चली जाए अथवा ऐसी बंद हो जाए तो वह रह नहीं पाते हैं। लेकिन ग्रामीणों की समस्या को पिछले 12 वर्षों से दरकिनार कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने मांग की है कि उनके गांव में तत्काल ट्रांसफार्मर लगाया जाए और उचित कनेक्शन दिए जाएं, अन्यथा वे धरना देने पर मजबूर होंगे, जिसकी जवाबदारी विद्युत मंडल की होगी।